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मुंबई के पवई इलाके में एक बेहद डरावनी और सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां आर. ए. स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बना लिया गया। स्टूडियो में एक्टिंग की क्लास चल रही थी और बच्चों के परिजन और शहर के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं।
जानकारी के अनुसार, इस स्टूडियो में काम करने वाले रोहित आर्या नामक व्यक्ति ने बच्चों को पहली मंजिल पर बंद कर लिया और उन्हें धमकी दी कि यदि उसकी बात नहीं मानी गई तो आग लगा दी जाएगी। बच्चों में अधिकांश उम्र 8 से 14 साल के बीच की बताई जा रही है। घटना के दौरान बच्चों में खौफ का माहौल था और कुछ बच्चों की हालत बेहद भयभीत बताई जा रही है।
रोहित आर्या का प्रोफाइल पुलिस के लिए अब तक अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय लोग और स्टूडियो से जुड़े लोग बताते हैं कि वह लंबे समय से एक्टिंग और यूट्यूब कंटेंट के लिए बच्चों के साथ काम करता रहा है। स्टूडियो में नियमित क्लासेस के दौरान वह बच्चों के माता-पिता के भरोसे पर ही काम करता था। इस घटना ने न केवल मुंबई बल्कि पूरे महाराष्ट्र में बच्चों की सुरक्षा और ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स पर सवाल उठाए हैं।
स्थानीय पुलिस को घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर भारी पुलिस बल भेजा गया। पुलिस ने बच्चे और आरोपी दोनों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए विशेष प्रयास किए। इस तरह की घटना बच्चों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मानी जा रही है।
पुलिस ने बताया कि रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बनाने के पीछे अपनी मानसिक स्थिति और किसी व्यक्तिगत विवाद को वजह बताया, लेकिन इसके असली कारणों की जांच जारी है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और साइबर सेल दोनों मिलकर स्टूडियो और आरोपी की पूरी जानकारी जुटा रही हैं।
स्थानीय निवासियों और स्टूडियो के आसपास के लोगों का कहना है कि रोहित अक्सर बच्चों के माता-पिता के भरोसे का फायदा उठाकर अपनी क्लासेस संचालित करता था। लेकिन इस बार घटना का रूप हिंसक और धमकीपूर्ण हो गया। बच्चों के माता-पिता ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई और साथ ही स्टूडियो में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी की ओर ध्यान दिलाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा डालती हैं बल्कि समाज में भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं। इसके साथ ही, माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों और उनके शिक्षण संस्थानों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
पुलिस ने बच्चों की सुरक्षित रिहाई के बाद रोहित आर्या को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, स्टूडियो पर भी जांच शुरू कर दी गई है कि बच्चों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय और सरकारी मानक अपनाए गए थे या नहीं।
इस घटना ने एक बार फिर से यह संदेश दिया कि बच्चों की सुरक्षा और उनके साथ होने वाली हर गतिविधि पर निगरानी बेहद जरूरी है। माता-पिता, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों को मिलकर बच्चों को सुरक्षित और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना होगा।
मुंबई पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही है। वहीं, बच्चों को मानसिक रूप से संभालने और उनके साथ हुई घटना का असर कम करने के लिए मनोवैज्ञानिक टीम भी स्टूडियो और परिवारों के संपर्क में है।








