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नवंबर महीने की शुरुआत आम लोगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए राहत लेकर आई है। देश की तीनों सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों—इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम—ने एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों की मासिक समीक्षा करते हुए कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में मामूली कमी की है। घरेलू सिलेंडर की कीमतों में इस बार कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन होटलों, रेस्तरांओं और कारोबारी उपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाले 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए गए हैं।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की नई कीमत अब ₹1590.50 हो गई है। पहले यह सिलेंडर ₹1613 का था, यानी उपभोक्ताओं को ₹22.50 प्रति सिलेंडर की राहत मिली है। यह कटौती 1 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गई है। इसी तरह, अन्य महानगरों में भी कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई है।
मुंबई में अब यह सिलेंडर ₹1540.00 में मिलेगा, जबकि पहले इसकी कीमत ₹1560 थी। कोलकाता में 19 किलो के कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत घटकर ₹1704.50 हो गई है, और चेन्नई में इसकी नई कीमत ₹1750.00 तय की गई है। यह लगातार तीसरा महीना है जब तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की है।
इस कटौती का सीधा असर होटल, रेस्टोरेंट, मिठाई की दुकानें, और छोटे-मोटे खाने-पीने के कारोबार पर पड़ेगा, जहां बड़ी मात्रा में गैस का इस्तेमाल होता है। इससे इन कारोबारियों की लागत में थोड़ी राहत मिलेगी। वहीं, घरेलू रसोई के लिए इस्तेमाल होने वाले 14.2 किलो वाले LPG सिलेंडर की कीमतों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह सिलेंडर अब भी दिल्ली में ₹903, मुंबई में ₹902.50, कोलकाता में ₹929, और चेन्नई में ₹918 रुपये में मिल रहा है।
क्यों घटाई गई कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतें
ऊर्जा बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी (LPG) की थोक कीमतों में हाल में आई गिरावट और कच्चे तेल की स्थिर कीमतों के कारण भारत में यह राहत संभव हुई है। दरअसल, हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार की दरों, डॉलर-रुपया विनिमय दर, और करों को ध्यान में रखते हुए एलपीजी की नई कीमतें तय करती हैं।
सितंबर और अक्टूबर के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रोपेन और ब्यूटेन गैस की दरें कम हुईं, जिससे भारत में आयात लागत भी घटी। यही वजह रही कि कंपनियों ने नवंबर में कीमतों में मामूली राहत दी।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए फिलहाल राहत नहीं
जहां कॉमर्शियल सिलेंडर के उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है, वहीं घरेलू रसोई गैस की कीमतें यथावत रखी गई हैं। हालांकि अगस्त 2025 में केंद्र सरकार ने घरेलू एलपीजी पर ₹200 प्रति सिलेंडर की सब्सिडी की घोषणा की थी, जिससे आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली थी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली यह सब्सिडी अब भी जारी है।
वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू एलपीजी के दामों में स्थिरता बनाए रखना महंगाई नियंत्रण के लिहाज से जरूरी था। वहीं, कॉमर्शियल सिलेंडरों की दरों में कटौती का असर उपभोक्ताओं को अप्रत्यक्ष रूप से मिलेगा, क्योंकि रेस्टोरेंट और खाने-पीने के उत्पादों की कीमतों पर इसका असर पड़ सकता है।
तेल कंपनियों की मासिक समीक्षा प्रक्रिया
सरकारी तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को अपने एलपीजी गैस सिलेंडरों, पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा करती हैं। यह समीक्षा अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार की स्थिति, मुद्रा विनिमय दर और देश में मांग-आपूर्ति के आधार पर होती है। इस बार नवंबर की समीक्षा में पेट्रोल और डीजल की दरें स्थिर रखी गईं, जबकि केवल कॉमर्शियल एलपीजी में कटौती की गई।
आगे क्या हो सकता है?
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले महीनों में यदि अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार स्थिर रहता है, तो दिसंबर तक एलपीजी की कीमतों में और राहत मिल सकती है। वहीं, घरेलू गैस की दरों में बदलाव केंद्र सरकार की नीतिगत समीक्षा पर निर्भर करेगा, खासतौर पर सर्दियों के मौसम में जब गैस की मांग बढ़ जाती है।
नवंबर की शुरुआत के साथ ही उपभोक्ताओं को थोड़ी आर्थिक राहत मिली है। हालांकि यह कटौती सिर्फ कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडरों तक सीमित है, फिर भी इससे बाजार और उपभोक्ता दोनों को लाभ मिलेगा। सरकार और तेल कंपनियों की यह कवायद दिखाती है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू उपभोक्ताओं तक पहुंचता है। अब उम्मीद है कि आने वाले महीनों में घरेलू सिलेंडर की कीमतों में भी राहत देखने को मिलेगी, जिससे रसोई की आग और जेब दोनों थोड़ी हल्की होंगी।







