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नासिक शहर के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। शहर के द्वारका क्षेत्र में लंबे समय से चल रही ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए नासिक महानगरपालिका (NMC) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नगर निगम ने द्वारका चौराहे पर एक अत्याधुनिक व्हीकुलर अंडरपास (Vehicular Underpass) बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है और इसे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को स्वीकृति के लिए भेज दिया है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद शहर के लोगों को भारी ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
द्वारका क्षेत्र नासिक का सबसे व्यस्ततम और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जंक्शन माना जाता है। यह क्षेत्र मुंबई-अग्रो रोड, पुणे रोड और शिर्डी मार्ग जैसे तीन प्रमुख हाईवे को जोड़ता है। प्रतिदिन हजारों वाहनों की आवाजाही के कारण यह इलाका जाम से जूझता है। खासकर सुबह और शाम के पीक आवर्स में यहां ट्रैफिक की स्थिति बेहद खराब हो जाती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए NMC ने इस अंडरपास का प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे वाहनों को निर्बाध आवागमन की सुविधा मिल सकेगी।
सूत्रों के मुताबिक, यह परियोजना करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जाएगी। अंडरपास का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि यह भारी वाहनों से लेकर छोटे वाहनों तक सभी के लिए सुरक्षित और सुगम मार्ग प्रदान करेगा। परियोजना के तहत अत्याधुनिक ड्रेनेज सिस्टम, रियल-टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरे, एलईडी लाइटिंग और सिग्नल-फ्री कॉरिडोर की सुविधा शामिल की जाएगी।
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नासिक को लगातार बढ़ते शहरी ट्रैफिक से मुक्त कराने के लिए यह अंडरपास प्रोजेक्ट एक बड़ा कदम है। यदि मंत्रालय से जल्द मंजूरी मिल जाती है, तो अगले छह महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। परियोजना को पूरा करने में करीब दो साल का समय लग सकता है।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है। उनका कहना है कि द्वारका चौराहा लंबे समय से नासिक के लिए ट्रैफिक समस्या का केंद्र रहा है। हर दिन यहां हजारों वाहन फंसते हैं, जिससे यात्रियों और आम लोगों को भारी परेशानी होती है। अंडरपास बनने से न केवल जाम से राहत मिलेगी, बल्कि प्रदूषण और ईंधन की बर्बादी में भी कमी आएगी।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह नासिक को महाराष्ट्र के अन्य शहरों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए एक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे औद्योगिक क्षेत्रों, व्यापारिक केंद्रों और पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी। नासिक नगर निगम का मानना है कि यह परियोजना शहर के विकास को नई दिशा देगी और नासिक को “स्मार्ट सिटी” के लक्ष्य के और करीब ले जाएगी।
अंडरपास प्रस्ताव को तैयार करते समय NMC ने विशेषज्ञ इंजीनियरों और शहरी योजनाकारों की टीम से परामर्श किया है। इसमें पर्यावरण सुरक्षा, यातायात प्रवाह और निर्माण की तकनीकी स्थिरता को ध्यान में रखा गया है। निगम का कहना है कि परियोजना के दौरान स्थानीय निवासियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि निर्माण कार्य के दौरान न्यूनतम असुविधा हो।
केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय से इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही है। यदि यह परियोजना मंजूर होती है, तो यह नासिक के इंफ्रास्ट्रक्चर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार भी इस प्रोजेक्ट को राज्य की प्राथमिक परियोजनाओं में शामिल करने पर विचार कर रही है ताकि इसके लिए आवश्यक फंड और तकनीकी सहयोग समय पर मिल सके।








