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    33 हत्याओं का खौफनाक सच! ‘इट’ के जोकर पेनीवाइज की कहानी सच्ची घटना से जुड़ी—जानिए कौन था असली किलर

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    हॉलीवुड की सबसे डरावनी फिल्मों में गिनी जाने वाली “इट” (IT) का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप उठती है। लाल गुब्बारे लिए जोकर पेनीवाइज (Pennywise) बच्चों के सपनों में भी खौफ भर देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस डरावनी कहानी की प्रेरणा एक सच्चे सीरियल किलर से ली गई थी? यह कोई काल्पनिक भूत नहीं था, बल्कि वास्तविक दुनिया का एक ऐसा इंसान था जिसने अपने अपराधों से इंसानियत को हिला दिया था।

    यह कहानी 1970 के दशक की है, जब अमेरिका में जॉन वेन गेसी (John Wayne Gacy) नाम का एक व्यक्ति लोगों की नज़रों में “खुशमिजाज जोकर” के रूप में जाना जाता था। वह बच्चों की पार्टियों में जोकर बनकर जाता, बीमार बच्चों के लिए शो करता और समाजसेवा के कामों में हिस्सा लेता था। लेकिन इस हंसमुख चेहरे के पीछे छिपा हुआ था एक निर्मम हत्यारा, जिसने 33 युवकों की बेरहमी से हत्या की थी।

    जॉन वेन गेसी का जन्म 1942 में शिकागो में हुआ था। उसने बचपन में ही लोगों को हंसाने का हुनर सीख लिया था, लेकिन भीतर एक खतरनाक प्रवृत्ति पल रही थी। जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, उसकी आदतें विकृत होती गईं। पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार, गेसी ने 1972 से 1978 के बीच कई युवकों को अपने घर बुलाया, उन्हें नशे या काम के बहाने फुसलाया, फिर उनकी हत्या कर शवों को अपने घर के नीचे क्रॉल स्पेस में दफन कर दिया।

    जब पुलिस ने आखिरकार जांच शुरू की, तो उसके घर के नीचे से एक-दो नहीं बल्कि 29 कंकाल बरामद हुए। बाकी शवों को उसने पास के नदी तट पर फेंक दिया था। यह मामला इतना भयावह था कि पूरी अमेरिका को झकझोर कर रख दिया।

    यही वह बिंदु था जिसने प्रसिद्ध लेखक स्टीफन किंग (Stephen King) को प्रेरित किया। उन्होंने अपने उपन्यास “It” में एक ऐसे जोकर का चित्रण किया जो बच्चों के मन में डर पैदा करता है और उनके भय का शिकार बनाता है। भले ही स्टीफन किंग ने कभी खुलकर नहीं कहा कि पेनीवाइज जॉन वेन गेसी पर आधारित है, लेकिन समानताएं इतनी गहरी हैं कि इसे नकारा नहीं जा सकता।

    पेनीवाइज भी जोकर के रूप में दिखाई देता है, बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करता है और फिर उन पर हमला करता है। यह वही तरीका था जो जॉन गेसी अपनाता था — वह खुद को “Pogo the Clown” कहता था और अपनी जोकर पोशाक में बच्चों से मेलजोल करता था। समाज के लिए मनोरंजन का प्रतीक दिखने वाला यह व्यक्ति असल में मौत का सौदागर निकला।

    गेसी को 1980 में अदालत ने दोषी पाया और उसे मौत की सजा सुनाई। उसने जेल में 14 साल बिताए और 1994 में उसे घातक इंजेक्शन द्वारा फांसी दी गई। पर उसके अपराधों की दास्तान आज भी अमेरिकी इतिहास के सबसे भयावह सीरियल मर्डर्स में गिनी जाती है।

    स्टीफन किंग का उपन्यास और बाद में बनी “इट” फिल्म ने गेसी जैसे अपराधियों की मनोवृत्ति को एक प्रतीकात्मक रूप में पेश किया। फिल्म में दिखाया गया जोकर न केवल एक राक्षस है बल्कि वह उस डर, पागलपन और हिंसा का प्रतीक है जो इंसान के भीतर छिपी होती है।

    2017 और 2019 में रिलीज़ हुई “It” और “It Chapter Two” ने दुनिया भर में तहलका मचा दिया। दर्शकों को पेनीवाइज का किरदार इतना डरावना लगा कि वह हॉरर फिल्मों का आइकॉनिक विलेन बन गया। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि इस काल्पनिक खलनायक के पीछे छिपा था असली इंसान का राक्षसी रूप — जॉन वेन गेसी।

    आज भी हॉरर फिल्मों के प्रेमी “पेनीवाइज” को देखकर सिर्फ डरते नहीं, बल्कि सोचते हैं कि अगर यह काल्पनिक नहीं, बल्कि सच्चा होता तो क्या होता? और जब वे जॉन गेसी की असली कहानी पढ़ते हैं, तो जवाब मिलता है — वह सच में था, और उससे भी डरावना।

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