• Create News
  • Nominate Now

    45 की उम्र में रोहन बोपन्ना ने कहा टेनिस को अलविदा, 43 की उम्र में बने थे दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    भारतीय टेनिस जगत के सबसे अनुभवी और सम्मानित खिलाड़ियों में से एक रोहन बोपन्ना ने आखिरकार प्रोफेशनल टेनिस को अलविदा कह दिया है। 45 साल के बोपन्ना ने 20 से अधिक वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया और दुनिया भर में भारतीय टेनिस का परचम लहराया। उनका करियर न केवल लंबे समय तक चला, बल्कि उन्होंने बढ़ती उम्र के बावजूद अपने खेल से सबको चौंकाया।

    रोहन बोपन्ना ने अपने शानदार करियर के दौरान वह मुकाम हासिल किया, जिसकी कल्पना बहुत कम खिलाड़ी कर पाते हैं। 43 वर्ष की उम्र में वह विश्व नंबर-1 डबल्स खिलाड़ी बने — यह अपने आप में एक अद्भुत उपलब्धि है। इस उम्र में टेनिस जैसे प्रतिस्पर्धी खेल में शीर्ष स्थान पाना उनके समर्पण, फिटनेस और लगातार मेहनत का प्रमाण है।

    बोपन्ना का करियर 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था। कोडगू (कर्नाटक) में जन्मे इस खिलाड़ी ने अपने जुनून, अनुशासन और जुझारूपन से जल्द ही अंतरराष्ट्रीय सर्किट में अपनी पहचान बनाई। वह डबल्स स्पेशलिस्ट के रूप में प्रसिद्ध हुए और भारत के लिए कई ऐतिहासिक पल लेकर आए।

    उन्होंने ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स में भारत की उम्मीदों को बार-बार जिंदा रखा। 2010 में उन्होंने पाकिस्तान के ऐस खिलाड़ी ऐसाम-उल-हक कुरैशी के साथ मिलकर यूएस ओपन के फाइनल में जगह बनाई थी। यह मैच इतिहास में दर्ज हो गया क्योंकि भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक साथ कोर्ट पर थे और “Stop War, Start Tennis” का संदेश पूरी दुनिया को दिया गया।

    इसके बाद बोपन्ना ने मिक्स्ड डबल्स में भी शानदार प्रदर्शन किया। 2017 में उन्होंने कनाडा की गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता — जो उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रहा। इसके अलावा, वह कई बार एटीपी खिताब जीत चुके हैं और डेविस कप में भारत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    बोपन्ना का करियर यह भी साबित करता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। जब अधिकतर खिलाड़ी 30 की उम्र के बाद संन्यास की ओर बढ़ जाते हैं, तब बोपन्ना ने 43 की उम्र में विश्व नंबर-1 बनने का कारनामा कर दिखाया। उन्होंने लगातार अपनी फिटनेस और मानसिक मजबूती को बनाए रखा। यही वजह है कि वह इतने लंबे समय तक टेनिस सर्किट में टिके रहे।

    संन्यास की घोषणा करते हुए बोपन्ना ने कहा, “टेनिस ने मुझे सब कुछ दिया है — पहचान, सम्मान और एक ऐसा परिवार जो पूरी दुनिया में फैला हुआ है। अब समय है कि मैं इस खूबसूरत खेल को धन्यवाद दूं और नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका दूं। मैंने अपने दिल से खेला और हर पल का आनंद लिया।”

    भारतीय टेनिस में बोपन्ना का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने लिएंडर पेस और महेश भूपति के बाद भारत को डबल्स में नई ऊंचाई दी। उनकी सटीक सर्विस, नेट पर तेज रिफ्लेक्स और समझदारी भरा खेल हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कई मौकों पर युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन भी किया और टेनिस को जमीनी स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया।

    बोपन्ना के संन्यास पर भारतीय टेनिस महासंघ (AITA) ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह “भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत” रहे हैं। खेल मंत्रालय ने भी उनके योगदान की सराहना की और कहा कि उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगी।

    सोशल मीडिया पर भी फैंस ने उन्हें दिल से अलविदा कहा। कई लोगों ने लिखा कि बोपन्ना का करियर इस बात का प्रमाण है कि अगर जुनून सच्चा हो तो कोई भी उम्र बड़ी नहीं होती।

    भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने बताया कि वह टेनिस से पूरी तरह दूर नहीं होंगे। आने वाले समय में वह कोचिंग, युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और भारत में टेनिस इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर काम करेंगे।

    रोहन बोपन्ना का यह सफर भारतीय टेनिस इतिहास के सबसे यादगार अध्यायों में से एक रहेगा। उन्होंने न केवल कोर्ट पर जीत हासिल की बल्कि पूरे देश को यह सिखाया कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर कोई भी उम्र में चैंपियन बन सकता है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    एशिया कप ट्रॉफी विवाद ने लिया विवादित मोड़, BCCI सचिव ने ACC से संपर्क करने की पुष्टि की

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। क्रिकेट जगत में एशिया कप ट्रॉफी को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)…

    Continue reading
    शुभमन गिल को उपकप्तान बनाए जाने पर भड़के पूर्व भारतीय कप्तान श्रीकांत, बोले – फॉर्म खराब है तो जिम्मेदारी क्यों दी गई?

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारतीय क्रिकेट टीम में टी20 प्रारूप के लिए किए गए हालिया बदलावों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *