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भारतीय क्रिकेट टीम में टी20 प्रारूप के लिए किए गए हालिया बदलावों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को टीम का उपकप्तान बनाए जाने पर पूर्व भारतीय कप्तान और चयनकर्ता कृष्णमाचारी श्रीकांत ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि जब कोई खिलाड़ी खराब फॉर्म में हो और टीम में अपनी जगह को लेकर संघर्ष कर रहा हो, तो उसे नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपना समझदारी नहीं है।
श्रीकांत ने एक स्पोर्ट्स चैनल पर बातचीत के दौरान कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि चयनकर्ता किस आधार पर शुभमन गिल को उपकप्तान बना रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। वह टी20 में न तो तेज रन बना पा रहे हैं और न ही अपनी जगह पक्की कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें उपकप्तानी देना टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए गलत संदेश देता है।”
गौरतलब है कि शुभमन गिल को हाल ही में घोषित टी20 सीरीज के लिए हार्दिक पंड्या की अनुपस्थिति में उपकप्तान बनाया गया है। कप्तान की जिम्मेदारी सूर्यकुमार यादव के कंधों पर है, जबकि टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है। हालांकि, क्रिकेट जगत के कई विशेषज्ञों का मानना है कि गिल को यह जिम्मेदारी देना जल्दबाजी का फैसला है।
श्रीकांत ने कहा कि गिल प्रतिभाशाली हैं, इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन नेतृत्व के लिए सिर्फ प्रतिभा ही काफी नहीं होती। “कप्तान या उपकप्तान बनने के लिए स्थिरता और निरंतर प्रदर्शन जरूरी है। गिल फिलहाल उस फॉर्म में नहीं हैं। जब कोई खिलाड़ी रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहा हो, तब उस पर कप्तानी का अतिरिक्त दबाव देना उसके प्रदर्शन को और प्रभावित कर सकता है,” उन्होंने कहा।
पूर्व चयनकर्ता ने यह भी सवाल उठाया कि चयन समिति का मानदंड आखिर क्या है। “अगर फॉर्म ही मापदंड नहीं है, तो फिर बाकी खिलाड़ियों के लिए क्या संदेश जा रहा है? कई युवा खिलाड़ी जैसे ऋतुराज गायकवाड़, यशस्वी जायसवाल और संजू सैमसन बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, फिर उन्हें यह जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गई?” श्रीकांत ने तीखे शब्दों में कहा।
दरअसल, शुभमन गिल पिछले कुछ महीनों से बल्लेबाजी में संघर्ष कर रहे हैं। एशिया कप और वर्ल्ड कप के बाद उनके टी20 प्रदर्शन में गिरावट आई है। पावरप्ले में उनका स्ट्राइक रेट भी कई बार टीम की गति को प्रभावित करता देखा गया है। वहीं, चयनकर्ताओं का मानना है कि गिल को भविष्य का नेता तैयार करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है।
कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी श्रीकांत की बात से सहमति जताई है। उनके अनुसार, किसी युवा खिलाड़ी को नेतृत्व की जिम्मेदारी देने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह अपनी बल्लेबाजी में स्थिर हो और टीम में उसकी जगह पक्की हो। “यह फैसला गिल पर अनावश्यक दबाव डाल सकता है,” एक पूर्व बल्लेबाज ने कहा।
इस विवाद के बीच शुभमन गिल फिलहाल टीम के साथ अभ्यास सत्र में जुटे हैं। टीम प्रबंधन ने उनके ऊपर भरोसा जताते हुए कहा कि वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं और यह जिम्मेदारी उन्हें परिपक्व बनाने में मदद करेगी।
हालांकि, क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि टीम इंडिया को ऐसे समय में नेतृत्व की जिम्मेदारी उन खिलाड़ियों को देनी चाहिए जो निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे टीम में प्रतिस्पर्धा बनी रहती है और खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी मजबूत होता है।
फिलहाल, गिल के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने बल्ले से जवाब देना है। उपकप्तान बनने के बाद अब उन पर उम्मीदों का बोझ और बढ़ गया है। फैंस भी यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि क्या वह आलोचकों को गलत साबित कर पाएंगे या श्रीकांत की आशंकाएं सही साबित होंगी।
टीम इंडिया के लिए यह सीरीज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारियों का हिस्सा है। ऐसे में शुभमन गिल का प्रदर्शन आने वाले महीनों में चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के लिए एक निर्णायक पहलू साबित हो सकता है।








