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एशिया कप 2025 की ट्रॉफी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा विवाद अब चरम पर पहुंच गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के बीच इस मुद्दे पर गहमागहमी तेज हो गई है। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने साफ कर दिया है कि अगर 3 नवंबर तक ट्रॉफी भारत को नहीं सौंपी जाती है, तो वे इस मुद्दे को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की आगामी बैठक में औपचारिक रूप से उठाएंगे।
दरअसल, एशिया कप 2025 की मेजबानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के पास थी, और फाइनल मुकाबले के बाद ट्रॉफी वहीं के कब्जे में है। बीसीसीआई का कहना है कि ट्रॉफी भारतीय टीम को दी जानी चाहिए थी, क्योंकि फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने अब तक ट्रॉफी वापस नहीं की है। इससे दोनों क्रिकेट बोर्डों के बीच मतभेद सार्वजनिक हो गए हैं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के नए प्रमुख मोहसिन नकवी से कई बार औपचारिक संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बोर्ड का कहना है कि यह केवल औपचारिकता का मामला नहीं है, बल्कि एक संवैधानिक जिम्मेदारी भी है, क्योंकि ट्रॉफी ACC के अधीन है और उसे विजेता टीम को सौंपा जाना अनिवार्य है।
देवजीत सैकिया ने अपने बयान में कहा, “एशिया कप ट्रॉफी भारतीय टीम की जीत का प्रतीक है। अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड या ACC इस जिम्मेदारी का पालन नहीं करते हैं, तो हम इसे ICC की बैठक में उठाएंगे। यह केवल एक खेल से जुड़ा मुद्दा नहीं बल्कि खेल की मर्यादा का सवाल है।”
सूत्रों के मुताबिक, ACC अध्यक्ष जय शाह ने भी इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने ACC सचिवालय को औपचारिक नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है, जिसमें PCB से जवाब मांगा जाएगा कि ट्रॉफी अब तक क्यों नहीं लौटाई गई।
वहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि ट्रॉफी से जुड़े इस विवाद को “अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग” दिया जा रहा है। PCB का दावा है कि ट्रॉफी को ACC की औपचारिकता पूरी होने के बाद ही सौंपा जाएगा। हालांकि, भारत इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है।
इस विवाद में अब ICC का हस्तक्षेप लगभग तय माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद इस मसले को खेल की प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही है, क्योंकि ट्रॉफी के आदान-प्रदान में देरी से एशियाई क्रिकेट की छवि पर असर पड़ रहा है।
भारत-पाकिस्तान के बीच यह विवाद कोई पहली बार नहीं है। एशिया कप की मेजबानी को लेकर भी दोनों देशों के बीच पहले कई बार तनातनी देखी गई थी। 2023 में भी पाकिस्तान ने टूर्नामेंट की मेजबानी आंशिक रूप से खो दी थी जब भारत ने सुरक्षा कारणों से वहां खेलने से इनकार कर दिया था। अंततः टूर्नामेंट का आयोजन ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत किया गया था।
एशिया कप 2025 में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पाकिस्तान को पराजित किया था। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने यह खिताब लगातार दूसरी बार अपने नाम किया। लेकिन अब इस जीत की ट्रॉफी को लेकर उठे विवाद ने इस गौरवमयी जीत की चमक पर हल्की परछाई डाल दी है।
कई पूर्व क्रिकेटर और विश्लेषक भी इस मामले पर अपनी राय रख चुके हैं। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, “यह खेल भावना के खिलाफ है। ट्रॉफी विजेता टीम की है, उसे रोकना या देरी करना गलत संदेश देता है।” वहीं पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने कहा कि “ऐसे विवादों से क्रिकेट की छवि खराब होती है, इसे जल्द सुलझाना चाहिए।”
अब सबकी नजरें ICC की आगामी बैठक पर टिकी हैं, जहां यह मामला औपचारिक रूप से चर्चा में आ सकता है। संभावना है कि ICC इस विवाद को खत्म करने के लिए ACC को सख्त निर्देश दे और PCB से तुरंत ट्रॉफी सौंपने को कहे।
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि खेल और राजनीति को कब तक एक-दूसरे से जोड़ा जाता रहेगा। जहां भारत का रुख साफ है कि ट्रॉफी लौटाना ACC की जिम्मेदारी है, वहीं पाकिस्तान इस मुद्दे को टालने की कोशिश कर रहा है।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






