इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।
    
    
    
    
मलयालम सिनेमा जगत के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान 55वें केरल राज्य फिल्म पुरस्कार 2025 की घोषणा कर दी गई है। इस साल के अवॉर्ड्स में सिनेमा की दुनिया में नए और पुराने सितारों दोनों का जलवा देखने को मिला। सबसे ज्यादा चर्चा में रही फिल्म ‘मंजुम्मेल बॉयज’, जिसने इस बार कुल 9 अवॉर्ड्स जीतकर इतिहास रच दिया।
‘मंजुम्मेल बॉयज’ ने न सिर्फ सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता, बल्कि सिनेमेटोग्राफी, एडिटिंग, साउंड डिजाइन और स्क्रीनप्ले जैसी तकनीकी श्रेणियों में भी अपना दबदबा कायम रखा। फिल्म की कहानी, निर्देशन और कलाकारों के प्रदर्शन को लेकर इसे दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने खूब सराहा था। यह फिल्म इस साल बॉक्स ऑफिस पर भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी है और अब राज्य सरकार के इस सम्मान से इसे नई पहचान मिली है।
इस साल मलयालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता ममूटी ने एक बार फिर साबित किया कि उम्र उनके अभिनय के सामने मायने नहीं रखती। उन्हें अपनी फिल्म ‘ब्रम्मायुगम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (Best Actor) का पुरस्कार मिला है। ममूटी का यह अवॉर्ड उनके करियर का एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है। उन्होंने अपने दमदार अभिनय, गहरी भावनाओं की अभिव्यक्ति और कैरेक्टर की गहराई से दर्शकों का दिल जीत लिया।
वहीं, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (Best Actress) का पुरस्कार इस बार पर्वती थिरुवोथु को उनकी फिल्म ‘पलिन्ड्रोम’ के लिए मिला है। पर्वती के प्रदर्शन की आलोचकों ने भी सराहना की, खासतौर पर उनके द्वारा निभाए गए भावनात्मक और संवेदनशील किरदार को लेकर।
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (Best Director) का पुरस्कार चिदंबरन आर. को उनकी फिल्म ‘मंजुम्मेल बॉयज’ के लिए दिया गया। उनके निर्देशन की बारीकी, कहानी की प्रस्तुति और तकनीकी परफेक्शन ने उन्हें इस श्रेणी में विजेता बनाया।
इस साल के पुरस्कारों में नई प्रतिभाओं को भी खूब सम्मान मिला। डेब्यू डायरेक्टर श्रेणी में ‘वेल्लारी पदम’ के निर्देशक अरुण कन्नन को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार देवदत्त को मिला, जिन्होंने फिल्म ‘उड़ुम्बु’ में अपनी मासूम और प्रभावशाली एक्टिंग से सभी का दिल जीत लिया।
संगीत के क्षेत्र में इस बार बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड बीजू नारायणन को मिला, जबकि बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के लिए रंजीत बालकृष्णन को सम्मानित किया गया। इन दोनों ने अपनी धुनों और बैकग्राउंड म्यूजिक से फिल्मों में जान डाल दी थी।
‘मंजुम्मेल बॉयज’ की बात करें तो यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और कुछ दोस्तों की कहानी बताती है जो एक साहसिक यात्रा के दौरान अप्रत्याशित परिस्थितियों में फंस जाते हैं। फिल्म में दोस्ती, त्याग, साहस और मानवीय भावना की झलक देखने को मिलती है। यही वजह है कि यह फिल्म दर्शकों के साथ-साथ अवॉर्ड ज्यूरी के भी दिलों पर छा गई।
सांस्कृतिक मंत्री साजी चेरियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि “इस साल केरल सिनेमा ने रचनात्मकता और तकनीकी उत्कृष्टता दोनों में एक नई ऊंचाई हासिल की है। अवॉर्ड्स का उद्देश्य कलाकारों के कठिन परिश्रम और कला के प्रति समर्पण को सम्मान देना है।”
अवार्ड समारोह का आयोजन अगले महीने थिरुवनंतपुरम के निशागंधी ऑडिटोरियम में किया जाएगा, जिसमें सभी विजेताओं को मुख्यमंत्री और सांस्कृतिक मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। समारोह में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों और नई पीढ़ी के कलाकारों की मौजूदगी देखने को मिलेगी।
इस बार के केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स ने यह साबित कर दिया कि मलयालम सिनेमा न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। चाहे वह कहानी कहने की शैली हो या अभिनय का स्तर — केरल का सिनेमा लगातार प्रयोग कर रहा है और सफलता हासिल कर रहा है।
‘मंजुम्मेल बॉयज’ की ऐतिहासिक सफलता और ममूटी जैसे वरिष्ठ कलाकार की उपलब्धि ने इस साल के अवॉर्ड्स को यादगार बना दिया है। केरल का यह सिनेमाई सफर आने वाले वर्षों में और ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






