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नासिक में प्याज उत्पादन ने हाल के वर्षों में धीमी वृद्धि के बाद एक बार फिर जोरदार वापसी की है। लेट खरीफ फसल के सफलतापूर्वक बुवाई और अनुकूल मौसम की वजह से नासिक के किसानों की उम्मीदें अब चरम पर हैं। इस वर्ष के लेट खरीफ सत्र में बेहतर बुवाई और फसल प्रबंधन के कारण प्याज की पैदावार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, लेट खरीफ प्याज की बुवाई समय पर होने और फसल के दौरान पर्याप्त वर्षा मिलने से उत्पादन में सुधार हुआ है। नासिक क्षेत्र में प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र और भारत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमतों और उपलब्धता का सीधा असर नासिक की फसल पर निर्भर करता है। इस साल की अच्छी पैदावार से न केवल स्थानीय बाजारों में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि निर्यात के लिए भी नासिक का महत्व बढ़ जाएगा।
किसानों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में मौसम और कीट संक्रमण के कारण प्याज की पैदावार में कमी आई थी। लेकिन इस साल लेट खरीफ बुवाई के दौरान सही समय पर सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन से फसल मजबूत हुई है। कृषि विभाग ने भी किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और कीट नियंत्रण के उपाय प्रदान किए, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि नासिक का यह उत्पादन सुधार आने वाले महीनों में प्याज की कीमतों में स्थिरता लाने में मदद करेगा। पिछले कुछ वर्षों में प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चिंता का विषय रहा है। बेहतर पैदावार से न केवल स्थानीय बाजारों में आपूर्ति बढ़ेगी बल्कि देशभर में प्याज की कीमतों में संतुलन बनेगा।
नासिक के किसान इस वर्ष के उत्पादन को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि लेट खरीफ बुवाई और फसल प्रबंधन के कारण उनकी लागत और लाभ में संतुलन बेहतर हुआ है। इससे किसानों का मनोबल बढ़ा है और कृषि गतिविधियों में उनका उत्साह भी बढ़ा है।
कृषि विभाग के अधिकारी ने कहा कि नासिक में प्याज की पैदावार बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू किया गया है। किसानों को उन्नत किस्मों के बीज, उर्वरक और कीट नियंत्रण के उपाय प्रदान किए गए। इसके अलावा, मौसम की सही जानकारी और फसल बीमा जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
नासिक क्षेत्र में प्याज की पैदावार में सुधार से न केवल किसानों को लाभ होगा बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक असर पड़ेगा। प्याज के व्यापार और निर्यात में वृद्धि से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और स्थानीय बाजारों में स्थिरता आएगी।
इस बार की लेट खरीफ फसल ने यह दिखा दिया है कि नासिक में उचित कृषि तकनीक और मौसम की अनुकूलता से उत्पादन को बेहतर बनाया जा सकता है। आने वाले समय में नासिक को देश का प्रमुख प्याज उत्पादन केंद्र बनाए रखने के लिए किसानों और सरकार दोनों को सहयोग जारी रखना होगा।
कुल मिलाकर, नासिक में लेट खरीफ बुवाई के कारण प्याज की पैदावार में बढ़ोतरी ने किसानों की उम्मीदों को नई दिशा दी है। बेहतर उत्पादन, तकनीकी सहायता और अनुकूल मौसम ने नासिक को फिर से प्याज उत्पादन के क्षेत्र में मजबूत स्थिति दिलाई है। यह नासिक के किसानों और पूरे राज्य के कृषि क्षेत्र के लिए खुशखबरी साबित हो रही है।








