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  • सारिका चंदन शेळके – एक साधारण स्त्री से सफल उद्यमी बनने का प्रेरक सफर

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    एक साधारण परिवार से आने वाली, जिम्मेदारियों के बीच भी सपने देखना न छोड़ने वाली और बिना किसी अनुभव के व्यवसाय की दुनिया में कदम रखने वाली—यह कहानी है सारिका चंदन शेळके की। एक ऐसी महिला जिनके भीतर का साहस और मेहनत ने उन्हें आज के मुकाम तक पहुँचाया।

    सारिका जी हमेशा से शिक्षित और आत्मनिर्भर थीं।
    लेकिन परिस्थितियाँ साधारण थीं…
    पती अकेले कमाने वाले…
    और मन में एक आवाज़ बार-बार कहती—

    “मैं भी परिवार को संभाल सकती हूँ।
    मुझे भी कुछ अपना बनाना है।”

    नौकरी कभी दिल से पसंद नहीं आई।
    दिल कहता था—
    “व्यवसाय… कुछ ऐसा जो मेरा हो!”

    और यही सोच उनके जीवन की सबसे बड़ी शुरुआत बनी।

    सितंबर 2024—
    उन्होंने व्यवसाय के लिए जगह तलाशना शुरू किया।

    हर दिन नई दुकानें, लोग, बातचीत…
    हर रात एक ही सवाल—
    “क्या शुरू करूँ?”

    और एक दिन मन ने साफ जवाब दिया—
    “साइकिल और बच्चों के खिलौने!”

    11 जनवरी 2024 को दुकान शुरू हुई।
    न डर कम था, न चुनौतियाँ…
    पर सपनों की आग कहीं ज्यादा बड़ी थी।

    • गलत ऑर्डर
    • गलत स्पेयर पार्ट
    • अकाउंट्स की गड़बड़
    • ग्राहकों से झिझक
    • मैकेनिक न मिलना

    हर दिन एक नई गलती,
    लेकिन हर गलती से एक नई सीख।

    अपने आप से कहतीं—
    “रुकना नहीं है, सीखते जाना है।”

    साइकिल और ऑटोमोबाइल जैसे पुरुषप्रधान क्षेत्र में
    एक महिला का खड़ा होना आसान नहीं था।

    • कोई गलत जानकारी देता
    • कोई भ्रम फैलाता
    • कोई पैसे में फसाने की कोशिश करता

    लेकिन सारिका जी हर परिस्थिति में शांत रहीं—
    और धीरे-धीरे खुद को मजबूत बनाती गईं।

    सुबह 5 बजे गृहिणी के रूप में घर सम्भालना,
    फिर 9:30 बजे दुकान,
    शाम तक काम और
    रात को फिर घर के काम—

    ये चक्र रोज़, लगातार।

    कभी शरीर थक जाता,
    लेकिन मन कहता—
    “यह मेरा सपना है… इसके लिए दौड़ना है।”

    आज तक उन्होंने एक भी दिन दुकान बंद नहीं की।

    जब साइकिल का व्यवसाय चल निकला,
    तो उन्होंने नई दिशा में कदम रखा—

    आज वे रोटर, थ्रेशर, हार्वेस्टर जैसी
    कृषि मशीनरी की डीलर भी हैं।

    यह वही महिला थीं जिन्हें शुरू में
    ऑटोमोबाइल का ABC भी नहीं पता था।

    उन्होंने साबित किया—
    “जिस महिला में हिम्मत है, उसके लिए कोई क्षेत्र असंभव नहीं।”

    • सास-ससुर
    • पति
    • बेटे-बेटी

    इन्हीं के सहारे, विश्वास और प्रेम ने
    उन्हें खड़े रहने की ताकत दी।

    वे खुद को देखती हैं—
    एक साधारण महिला से
    एक सफल व्यवसाय चलाने वाली उद्यमी तक।

    और गर्व से कहती हैं—

    “अगर जिद्द हो, तो एक महिला घर संभालकर,
    बच्चों को बढ़ाकर और चुनौतियों को पार करते हुए
    अपना साम्राज्य खड़ा कर सकती है।”

    सारिका शेळके के मेहनत, समर्पण और उत्कृष्ट काम को महाराष्ट्रभर में पहचान मिली है। उनके शानदार कार्य को देखते हुए उन्हें इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए चुना गया है —

    • Maharashtra Business Icon 2025

    • Maharashtra Style Icon 2025

    • Maharashtra Fashion Icon 2025

    इन सम्मान का आयोजन Reseal.in और India Fashion Icon Magazine द्वारा किया गया है, जो महाराष्ट्र के उभरते उद्यमियों, महिलाओं और प्रतिभाशाली कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देते हैं।

    यह उपलब्धि सिर्फ़ सारिका शेळके की ही नहीं, बल्कि पूरे नाशिक और महाराष्ट्र का गौरव है।

    उनका सफर हमें सिखाता है —
    मेहनत + क्रिएटिविटी + निरंतरता = बड़ी सफलता

    सारिका शेळके इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि—
    अगर इरादा मजबूत हो तो छोटा शहर ही नहीं, पूरी दुनिया आपका बाज़ार बन सकती है।

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