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सफलता किसी एक दिन में नहीं मिलती—
वह बनती है वर्षों की मेहनत, असफलताओं से सीख
और अपने काम पर अटूट विश्वास से।
छत्रपति संभाजीनगर के एक साधारण युवक
श्री प्रशांत उत्तमराव गुजराथी
ने इसी विश्वास के साथ अपने सपनों को आकार दिया
और आज वे Govind Interiors के रूप में
इंटीरियर एवं होम फर्निशिंग क्षेत्र में
एक भरोसेमंद पहचान बन चुके हैं।
वर्ष 1996 में
प्रशांत गुजराथी छत्रपति संभाजीनगर आए।
जेब में ज़्यादा पैसे नहीं थे,
ना कोई आर्थिक सहारा—
लेकिन दिल में एक बड़ा सपना था:
शहर में अपनी एक पहचान बनाना।
इसी सपने को सच करने के लिए
उन्होंने होम फर्निशिंग क्षेत्र में
पर्दा सिलाई (Curtain Stitching) के काम से
अपने सफर की शुरुआत की।
1996 से 2001 तक
कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ
उन्होंने सिलाई का काम
पगारी तौर पर किया।
हालाँकि काम चल रहा था,
लेकिन मन में एक बेचैनी थी—
कुछ अलग करने की,
खुद का कुछ बनाने की।
वर्ष 2001 में
प्रशांत गुजराथी ने
खुद का काम शुरू करने का साहस किया।
“Govind Furnishing”
नाम से उन्होंने सिलाई का कार्य शुरू किया
और धीरे-धीरे मार्केट में
अपनी अलग पहचान बनानी शुरू की।
इसके बाद उन्होंने—
-
पर्दा सिलाई
-
सोफा कवर
-
किचन ट्रॉली
-
गृह सजावट से जुड़ा हर काम
पूरी ईमानदारी और गुणवत्ता के साथ करना शुरू किया।
काम करते-करते
उन्हें इंटीरियर प्रोजेक्ट्स की मांग आने लगी।
हालाँकि उनके पास
इंटीरियर डिजाइन की डिग्री नहीं थी,
लेकिन उन्होंने अपनी सीमा को कमजोरी नहीं बनने दिया।
उन्होंने अपनी टीम मजबूत करने का निर्णय लिया।
इसी दौरान उनकी मुलाकात
इंटीरियर डिज़ाइनर
सुश्री मिताली महेशराव खडकेकर (कुलकर्णी)
से हुई।
पिछले चार वर्षों से
दोनों मिलकर
सफलतापूर्वक इंटीरियर प्रोजेक्ट्स कर रहे हैं।
घर से चलने वाले काम को
एक प्रोफेशनल पहचान देने के लिए
Govind Interiors की शुरुआत हुई।
इस सफर में
मिताली खडकेकर का
मार्गदर्शन, सहयोग और प्रोत्साहन
बेहद महत्वपूर्ण रहा।
आज—
-
अत्याधुनिक सामग्री
-
अनुभवी और समर्पित टीम
-
इंटीरियर से जुड़ी सभी सुविधाएँ
एक ही छत के नीचे
ग्राहकों को उपलब्ध हैं।
प्रशांत गुजराथी मानते हैं—
“ग्राहक को किया गया काम पसंद आ जाना
ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
आज छत्रपति संभाजीनगर में
Govind Interiors
विश्वास, गुणवत्ता और समयबद्ध कार्य
के लिए जाना जाता है।
Govind Furnishing से Govind Interiors
तक का यह सफर
आज भी जारी है
और आगे भी पूरी ऊर्जा के साथ चलता रहेगा।
उनका लक्ष्य है—
-
और अधिक आधुनिक इंटीरियर समाधान
-
मजबूत टीम निर्माण
-
ग्राहकों को बेहतर अनुभव
आज उनके इस संघर्ष, मेहनत और ईमानदार कार्य को
सम्मानित किया जा रहा है—
यह उनके लिए गर्व का विषय है।
प्रशांत गुजराथी की कहानी सिखाती है—
साधारण शुरुआत + निरंतर मेहनत + सही निर्णय
= असाधारण सफलता
वे आज उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा हैं
जो सीमित संसाधनों के बावजूद
अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।








