




खरीफ 2025 फसल की ऑनलाइन गिरदावरी को लेकर हनुमानगढ़ जिले में एक जागरूकता अभियान चलाया गया। जिले के कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने मंगलवार को डबली खुर्द और चाइयां गांव के विभिन्न खेतों का दौरा कर किसानों को ऑनलाइन गिरदावरी प्रक्रिया से परिचित कराया।
डॉ. यादव ने किसानों के साथ खड़े होकर किसान गिरदावरी एप के माध्यम से फसल की गिरदावरी की और उन्हें यह समझाया कि कैसे किसान स्वयं अपनी फसल का विवरण दर्ज कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य किसानों को स्वावलंबी बनाना और फसल रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाना है।
कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि यह एप किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसके माध्यम से कृषि विभाग, बीमा कंपनियां और सरकार वास्तविक आंकड़े प्राप्त कर पाएंगी। इससे योजनाओं और बीमा का लाभ किसानों तक सीधे और समय पर पहुँच सकेगा।
“इस एप का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान स्वयं अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकें। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसान बिना किसी मध्यस्थ के अपनी जमीन पर उगाई गई फसल का सही विवरण दे पाएंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि योजनाओं का लाभ सीधे और त्वरित मिलेगा,” उन्होंने बताया।
ऑनलाइन गिरदावरी की प्रक्रिया
कलेक्टर ने किसानों को एप के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन गिरदावरी करना सिखाया। प्रक्रिया इस प्रकार है:
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एप डाउनलोड करें – एंड्रॉयड मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से किसान गिरदावरी एप डाउनलोड करें।
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लॉगिन करें – अपने जनाधार नंबर के साथ लॉगिन करें और ओटीपी से सत्यापन करें।
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लोकेशन चुनें – एप में वर्तमान लोकेशन या खसरे का चयन करें।
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फसल जोड़ें – जिला, तहसील, गांव, पटवार सर्कल और खसरा नंबर भरें। उसके बाद फसल का नाम, क्षेत्रफल, सिंचाई साधन और फोटो अपलोड करें।
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स्थिति सत्यापित करें – गिरदावरी तभी पूरी मानी जाएगी जब किसान 20 मीटर की दूरी के अंदर खसरे पर मौजूद हो।
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सबमिट करें – प्रीव्यू देख लेने के बाद आवेदन सबमिट करें।
इस प्रक्रिया के माध्यम से किसान स्वयं अपने खेत से ऑनलाइन गिरदावरी कर सकते हैं, जिससे फसल रिकॉर्ड में सटीकता और पारदर्शिता बढ़ती है।
किसानों का उत्साह
किसानों ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि इससे उनके लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना आसान होगा। उन्होंने कहा कि पहले फसल की जानकारी दर्ज करने के लिए बार-बार पटवारी या कृषि विभाग के कर्मचारियों पर निर्भर होना पड़ता था, लेकिन अब वे मोबाइल एप से सीधे अपने खेतों की जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की तकनीकी पहल से कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की उत्पादकता तथा योजनाओं तक पहुँच में सुधार होगा।
लाभ और महत्व
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सटीक फसल रिकॉर्ड: सरकारी विभाग और बीमा कंपनियों को वास्तविक डेटा मिलेगा।
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समय पर लाभ: योजनाओं और बीमा का लाभ सीधे किसानों तक पहुँच सकेगा।
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पारदर्शिता: सरकारी मशीनरी पर निर्भरता कम होगी और किसान स्वावलंबी बनेंगे।
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कृषि डिजिटलाइजेशन: किसानों में तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।