




1. परियोजना की पहचान: Reko Diq का महाप्रकल्प
Reko Diq नामक यह परियोजना पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत, चागाई जिले में स्थित है। यह दुनिया का एक सबसे बड़ा मंजूर न किया गया कॉपर-गोल्ड खदान का स्थान है, जिस पर कनाडाई Barrick Mining, पाकिस्तान सरकार और बलोचिस्तान सरकार का नियंत्रण संयुक्त रूप से है—जहां Barrick की हिस्सेदारी 50%, और शेष 50% दोनों सरकारों के बीच विभाजित है। अनुमानित रूप से यह खदान प्रति वर्ष 200,000 टन कॉपर और 250,000 आउंस सोना उत्पन्न कर सकती है, जिसका ऑपरेशन जीवन लगभग 37 वर्ष से अधिक अनुमानित है और उत्पादन 2028 से शुरू होने की संभावना है ।
2. वित्तीय सहायता: ADB व IFC की बड़ी वित्त पोषण योजनाएँ
इस परियोजना के लिए पहले से ही IFC (International Finance Corporation) ने $700 मिलियन (सह-रीय वित्त) का ऋण सुनिश्चित किया है । इसके अलावा, Asian Development Bank (ADB) ने $410 मिलियन का वित्तीय पैकेज मंजूर किया है जिसमें $300 मिलियन Loaँ और $110 मिलियन गारंटी शामिल है ।
3. अतिरिक्त वैश्विक ऋण: US EXIM बैंक से बातचीत
अब पाकिस्तान ने अमेरिकी Export-Import बैंक (EXIM) से $100 मिलियन से अधिक का ऋण मांगने के लिए आवेदन किया है। इसका उद्देश्य अमेरिकी उपकरणों के आयात को वित्तपोषित करना है, जो इस परियोजना से जिम्मेदार और तकनीकी सहयोग को दर्शाता है।
तकनीकी और वित्तीय मद में शामिल Barrick Mining, अभी $3.5 बिलियन तक का अंतरराष्ट्रीय ऋण जुटाने की योजना बना रही है—जिसमें G7 देशों के वित्तीय संस्थान, EXIM बैंक, IFC, ADB, और अन्य शामिल हैं । Reuters की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि $2 बिलियन से अधिक का फाइनेंसिंग लक्ष्य रखा गया है, जिसमें ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर, रेल लिंक समेत $500–800 मिलियन तक का निवेश शामिल है ।
4. आर्थिक परीक्षा: संभावित लाभ और निवेश उत्साह
इस परियोजना की कुल लागत लगभग $6.6 बिलियन रहने का अनुमान है, और इसके पूरे कार्यकाल में $70 अरब से $74 अरब तक मुफ्त नकदी प्रवाह उत्पन्न होगा, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है ।
ADB अध्यक्ष Masato Kanda ने इसे पाकिस्तान के लिए “गेम-चेंजर” बताया, जिससे रोजगार सृजन, आर्थिक विकास और सामाजिक सुधार योजनाएं शामिल होंगी ।
5. राजनीतिक और वैश्विक महत्व
यह परियोजना न सिर्फ आर्थिक, बल्कि विदेश नीति के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण है। US — खासकर Trump प्रशासन — क्रिटिकल मिनरल्स में अपनी निर्भरता कम करने में रुचि दिखा रहा है। Reko Diq का गढ़ा असल में उन सामरिक संसाधनों में शामिल है, जो EV बैटरी, renewables, डेटा सेंटर आदि में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं ।
साथ ही, ऊर्जा संक्रमण और डिजिटल डिवाइस क्षेत्रों में वैश्विक मांग के मद्देनजर यह खदान के लिए निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ा सकती है ।
6. स्थानीय चिंताएं: मानवाधिकार और पर्यावरण सुरक्षा
हालांकि यह परियोजना आर्थिक रूप से लाभदायक प्रतीत होती है, लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ चिंताएँ व्यक्त की हैं। उन्होंने ADB और IFC को पत्र भेज कर कहा कि बलोचिस्तान में हिंसा और मजबूत सुरक्षा तंत्र की स्थिति में स्थानीय समुदायों की भागीदारी संभव नहीं ।
इस संकट-ग्रस्त क्षेत्र में संसाधन निष्कर्षण से पहले पर्यावरण और स्थानीय पहचान को सुरक्षा कवच देना आवश्यक है—यह सुझाव दिया गया।
7. सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
परियोजना | Reko Diq कॉपर-गोल्ड खदान (विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी) |
मालिकाना | Barrick 50%, पाक सरकार और बलोचिस्तान सरकार कुल 50% |
उत्पादन क्षमता | प्रति वर्ष: 200,000 टन कॉपर; ऑपरेशन जीवन: 37+ वर्ष |
वित्त पोषण | IFC: $700M; ADB: $410M; अमेरिका EXIM बैंक से $100M+ |
कुल लागत/लाभ | ~$6.6B लागत; ~$70–74B मुक्त नकदी प्रवाह |
वैश्विक प्रासंगिकता | EV, renewables, डेटा केंद्र और ऊर्जा संक्रमण हेतु आवश्यक सामग्री |
चिंताएँ | मानवाधिकार सुरक्षा और स्थानीय भागीदारी संबंधी चिंताएं |
निष्कर्ष
Reko Diq परियोजना का महत्व केवल पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा और भौतिकरण की दिशा में यह रणनीतिक कदम है। लेकिन इसका दीर्घकालिक लाभ तभी सुनिश्चित हो सकता है जब स्थानीय समुदाय सुरक्षा, पारदर्शिता और लाभ साझा करने में शामिल हों।
वर्तमान में जो कुछ वित्तीय व्यवस्थाएँ बन रही हैं—एक ओर आधुनिक आर्थिक संभावनाएँ हैं, दूसरी तरफ संवेदनशील सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियाँ। देखना यह है कि भविष्य में यह परियोजना पाकिस्तान की आर्थिक छवि को स्थायित्व और वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाई रखेगी या नहीं।
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