




पंजाब भाषा विभाग ने 2025 के लिए हिंदी और उर्दू साहित्य में ‘बेस्ट बुक अवार्ड्स’ की घोषणा की है। इस वर्ष हिंदी श्रेणी में कुल चार पुस्तकें और उर्दू श्रेणी में एक पुस्तक को सम्मानित किया जाएगा। यह अवार्ड साहित्यकारों को उनकी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए मान्यता प्रदान करने और भारतीय भाषाओं के साहित्यिक विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
हिंदी श्रेणी में चुनी गई चार पुस्तकों का चयन साहित्यिक समीक्षकों, विद्वानों और विशेषज्ञों की समिति द्वारा किया गया। चयन प्रक्रिया में पुस्तक की साहित्यिक गुणवत्ता, विषयवस्तु, भाषा प्रयोग और सामाजिक संदेश को प्रमुख मानदंड के रूप में देखा गया।
हिंदी साहित्य में चयनित पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है:
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‘विचारों की उड़ान’ – लेखक: डॉ. अंशुल वर्मा
यह पुस्तक सामाजिक और राजनीतिक विचारों पर केंद्रित है और युवा पाठकों को प्रेरित करने वाली है। -
‘समकालीन कविताएँ’ – लेखक: रश्मि गुप्ता
समकालीन कविताओं का संग्रह, जो जीवन, प्रेम और समाज पर आधारित है। -
‘इतिहास और संस्कृति’ – लेखक: प्रवीण चौहान
यह पुस्तक भारतीय इतिहास और संस्कृति की जटिलताओं को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। -
‘सृजन और संवेदना’ – लेखक: माया सिंह
यह साहित्यिक यात्रा लेखक की व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों को साझा करती है।
उर्दू साहित्य में इस वर्ष केवल एक पुस्तक को चयनित किया गया है:
‘रूह की गूँज’ – लेखक: सैयद फरहान
यह पुस्तक उर्दू शायरी और गद्य का मिश्रण है, जिसमें मानवीय भावनाओं और समाजिक मुद्दों की गहन व्याख्या की गई है।
पंजाब भाषा विभाग का यह अवार्ड लेखकों और साहित्यकारों के लिए बड़ी उपलब्धि माना जाता है। यह न केवल उनके साहित्यिक योगदान को मान्यता देता है, बल्कि उन्हें नए पाठकों तक पहुँचने का अवसर भी प्रदान करता है। अवार्ड विजेताओं को प्रमाण पत्र, प्रतीक चिन्ह और नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन हर वर्ष साहित्यिक समुदाय में उत्साह और प्रेरणा पैदा करता है।
पुरस्कार विजेताओं का चयन तीन-स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। पहले स्तर पर पुस्तकों का प्रारंभिक मूल्यांकन किया जाता है, दूसरे स्तर पर विशेषज्ञ समिति द्वारा गहन समीक्षा की जाती है, और तीसरे स्तर पर अंतिम चयन के लिए उच्च न्यायिक समिति द्वारा निर्णायक फैसला लिया जाता है। समीक्षक डॉ. अनिता वर्मा ने कहा, “पंजाब बेस्ट बुक अवार्ड्स का उद्देश्य केवल पुरस्कार देना नहीं है, बल्कि भारतीय भाषाओं के साहित्यिक परंपरा को बनाए रखना और नए लेखकों को प्रोत्साहित करना है।”
भविष्य में पंजाब भाषा विभाग का लक्ष्य है कि यह अवार्ड और अधिक भाषाओं और विधाओं को शामिल करे, ताकि साहित्य का क्षेत्र और व्यापक हो सके। विभाग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल माध्यम के माध्यम से भी लेखकों और पाठकों को जोड़ने की योजना बना रहा है।