




नेपाल में सितंबर 2025 में हुए हिंसक प्रदर्शनों ने देश की राजनीतिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो बाद में प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और देश छोड़ने का कारण बना। इस दौरान, मंत्रियों और उनके परिवारों को सेना के हेलीकॉप्टर से बचाव के लिए रस्सी पकड़ते हुए देखा गया, जो एक अभूतपूर्व दृश्य था।
प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप था कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है और जनहित की अनदेखी कर रही है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय ने युवाओं में आक्रोश को और बढ़ा दिया, जिससे व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों में आग लगाई, मंत्रियों के घरों को जलाया और पुलिस के साथ झड़पें कीं।
हिंसक प्रदर्शनों के बीच, मंत्रियों और उनके परिवारों को बचाने के लिए सेना ने हेलीकॉप्टर भेजे। वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि मंत्री और उनके परिवार के सदस्य हेलीकॉप्टर की रस्सी पकड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे, जबकि प्रदर्शनकारी उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे थे। यह दृश्य देश में राजनीतिक अस्थिरता और जन आक्रोश को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
प्रदर्शनकारियों के बढ़ते दबाव और पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में कई लोगों की मौत के बाद, प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने 9 सितंबर 2025 को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद, उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, जिससे उनकी स्थिति और सरकार की अस्थिरता को और बढ़ावा मिला।
नेपाल सेना ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगाया और सुरक्षा बलों को तैनात किया। सेना ने सरकारी इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित की और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। हालांकि, सेना का यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए था, लेकिन स्थिति में सुधार की कोई स्पष्ट उम्मीद नहीं दिख रही है।
प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, यह देखना होगा कि नेपाल किस दिशा में आगे बढ़ता है। देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की बहाली और भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदमों की आवश्यकता है।
नेपाल में हुए हालिया घटनाक्रम ने देश की राजनीतिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मंत्रियों और उनके परिवारों का हेलीकॉप्टर से भागने का दृश्य और प्रधानमंत्री का इस्तीफा देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और शासन व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाता है। भविष्य में, नेपाल को राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम और लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती की दिशा में काम करना होगा।