




केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नासिक के शिलापूर में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) परीक्षण केंद्र की स्थापना की घोषणा की है। यह केंद्र महाराष्ट्र में EV उद्योग और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस केंद्र की स्थापना से इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शन, सुरक्षा और गुणवत्ता का परीक्षण स्थानीय स्तर पर किया जा सकेगा। केंद्र में इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक बस और अन्य ईवी मॉडलों के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की सहयोगी भूमिका इस योजना को सफल बनाने में अहम होगी।
इस EV परीक्षण केंद्र में अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
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सुरक्षा और प्रदर्शन परीक्षण: वाहनों की गति, ब्रेकिंग सिस्टम, बैटरी क्षमता और सुरक्षा मानकों का परीक्षण किया जाएगा। दुर्घटना या तकनीकी खराबी की स्थिति में वाहन की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जाएगा।
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बैटरी और चार्जिंग परीक्षण: बैटरी जीवन, चार्जिंग क्षमता और दक्षता का आकलन किया जाएगा। लंबी दूरी की यात्रा में बैटरी की विश्वसनीयता का परीक्षण किया जाएगा।
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पर्यावरणीय परीक्षण: तापमान, आर्द्रता और विभिन्न मौसम स्थितियों में EV की प्रदर्शन क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि वाहन विभिन्न क्षेत्रों और मौसम में सुरक्षित और भरोसेमंद रहें।
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तकनीकी नवाचार और अनुसंधान: केंद्र में नए EV मॉडल के तकनीकी सुधार और नवाचार पर शोध किया जाएगा। इससे भारत में EV तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
नासिक में यह परीक्षण केंद्र महाराष्ट्र के बढ़ते EV उद्योग के लिए नई संभावनाएँ खोलेगा। नए निवेशकों और स्टार्टअप्स के लिए यह केंद्र अनुसंधान और विकास का प्रमुख केंद्र बनेगा। वाहन निर्माता कंपनियाँ स्थानीय स्तर पर परीक्षण और सुधार कर सकती हैं, जिससे लागत कम होगी। राज्य में EV उत्पादन, बिक्री और तकनीकी नवाचार में तेजी आएगी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा:
“नासिक में इलेक्ट्रिक वाहन परीक्षण केंद्र की स्थापना भारत के EV उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगी। यह केंद्र केवल वाहनों के परीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि तकनीकी नवाचार और अनुसंधान को भी प्रोत्साहित करेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र से महाराष्ट्र में हरित ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
ऑटोमोबाइल और EV विशेषज्ञों का मानना है कि नासिक में परीक्षण केंद्र राज्य के EV उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र से स्थानीय स्तर पर तकनीकी समस्याओं का समाधान संभव होगा। इससे वाहन निर्माता कंपनियों को वाहन उत्पादन और बिक्री में तेजी लाने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह केंद्र महाराष्ट्र और आसपास के राज्यों में EV तकनीक का हब बनेगा।
नासिक में EV परीक्षण केंद्र की स्थापना से आर्थिक और सामाजिक लाभ भी होंगे।
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रोज़गार सृजन: केंद्र में तकनीकी और प्रबंधन क्षेत्रों में नई नौकरियों का सृजन होगा।
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पर्यावरणीय लाभ: EV की गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण से प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
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उद्योगिक निवेश: नए निवेशक और स्टार्टअप्स नासिक में निवेश करेंगे, जिससे शहर का आर्थिक विकास होगा।
महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भविष्य में और अधिक EV परीक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। ये केंद्र भारत को वैश्विक EV उद्योग में प्रमुख खिलाड़ी बनाने में मदद करेंगे। नए तकनीकी और अनुसंधान परियोजनाओं के माध्यम से वाहन उत्पादन और संचालन में सुधार होगा। राज्य में हरित ऊर्जा और स्वच्छ परिवहन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में तेजी आएगी।
नासिक में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) परीक्षण केंद्र की स्थापना महाराष्ट्र और भारत के EV उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केंद्र तकनीकी नवाचार और वाहन सुरक्षा में सुधार करेगा। राज्य में निवेश, रोजगार और उद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के लक्ष्यों को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।
नासिक शहर और महाराष्ट्र राज्य के लिए यह भविष्य की दिशा में एक मजबूत और टिकाऊ कदम साबित होगा।