




योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड के शेयर में गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। शेयर बाजार में कंपनी का स्टॉक 66.7% तक गिर गया, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। हालांकि, यह गिरावट किसी व्यावसायिक कमजोरी या कंपनी की वित्तीय स्थिति से जुड़ी नहीं थी, बल्कि यह एक तकनीकी कारण की वजह से हुई।
शेयर बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, पतंजलि फूड्स के शेयरों में जो 66.7% की बड़ी गिरावट दिखी, वह टेक्निकल एडजस्टमेंट के चलते थी। दरअसल, स्टॉक एक्सचेंज में जब भी कंपनी के शेयरों का फेस वैल्यू स्प्लिट या बोनस इश्यू जैसी प्रक्रियाएं होती हैं, तब कीमत में अस्थायी बदलाव दर्ज किया जाता है। यही वजह है कि अचानक शेयर की कीमत गिर गई।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पतंजलि फूड्स का कारोबार इस गिरावट से अप्रभावित है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि “यह केवल शेयर बाजार की तकनीकी प्रक्रिया थी और इसका कंपनी की कार्यप्रणाली, मुनाफे या भविष्य की योजनाओं से कोई संबंध नहीं है।”
पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों का कुल प्रदर्शन देखें तो इसमें 6.75% की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन यह उतार-चढ़ाव सामान्य कारोबारी चक्र का हिस्सा है।
शेयर की भारी गिरावट की खबर सामने आते ही छोटे निवेशकों और बाजार में हलचल मच गई। कई निवेशकों को लगा कि कंपनी की वित्तीय हालत बिगड़ गई है, लेकिन एक्सपर्ट्स ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ तकनीकी कारणों से हुआ है।
पतंजलि फूड्स, बाबा रामदेव के पतंजलि समूह की प्रमुख कंपनी है, जो FMCG सेक्टर में एक अहम खिलाड़ी मानी जाती है। कंपनी खाद्य तेल, डेयरी उत्पाद, मसाले, आटा, शहद, बिस्कुट और कई अन्य उत्पादों का कारोबार करती है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इसकी मजबूत पकड़ है। पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने अपने ब्रांड वैल्यू और बिक्री नेटवर्क के दम पर देश की टॉप FMCG कंपनियों में जगह बनाई है।
शेयर बाजार में जब भी किसी कंपनी के शेयर पर स्प्लिट, बोनस या राइट्स इश्यू लागू होता है, तब शेयर की कीमत एडजस्ट होती है। यह गिरावट वास्तविक नुकसान नहीं दर्शाती, बल्कि शेयरों की संख्या बढ़ने और उनके फेस वैल्यू घटने का प्रभाव होता है।
ऐसे मामलों में जिन निवेशकों को प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती, वे घबरा जाते हैं और शेयर बेचने लगते हैं। इसका असर अस्थायी रूप से बाजार की धारणा पर पड़ता है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि पतंजलि फूड्स की मौजूदा स्थिति मजबूत है और शेयर में आई गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि “टेक्निकल एडजस्टमेंट के कारण शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात है। दीर्घकालिक निवेशकों को इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए।”
पतंजलि फूड्स ने हाल ही में अपने वितरण नेटवर्क को और मजबूत किया है। कंपनी ग्रामीण बाजारों में नए उत्पाद लॉन्च कर रही है और शहरों में प्रतिस्पर्धा के लिए अपनी रिटेल रणनीति पर काम कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में कंपनी का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है। बढ़ती हुई स्वदेशी उत्पादों की मांग और हेल्दी फूड ट्रेंड पतंजलि फूड्स के लिए बड़ा अवसर बन सकते हैं।
पतंजलि फूड्स के शेयरों में 66.7% की गिरावट भले ही निवेशकों के लिए चौंकाने वाली रही हो, लेकिन यह केवल तकनीकी वजह से हुआ। कंपनी का बिजनेस मॉडल, बाजार में स्थिति और भविष्य की योजनाएँ मजबूत बनी हुई हैं। निवेशकों को घबराने की बजाय लंबी अवधि की संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए।