




शाहजहानाबाद क्षेत्र में दर्ज FIR 726/2022 एक परिवार के लिए न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन चुकी है। आरोप है कि पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत ने न केवल परिवार को प्रताड़ित किया बल्कि कानून व्यवस्था की नींव पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का ब्यौरा
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तारीख: 17 जून 2023
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स्थान: नवाज अस्पताल और शाहजहानाबाद थाना, भोपाल
परिवार का आरोप है कि शाहजहानाबाद थाना पुलिस ने इरशाद कुरैशी और उनके परिजनों पर अवैध तरीके से कार्रवाई की। इस दौरान उन्हें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।
सबसे गंभीर पहलू यह है कि अस्पताल परिसर में लगे CCTV कैमरे इस घटना के सबूत हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने आधिकारिक रूप से फुटेज देने से इनकार कर दिया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
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पुलिस अधिकारियों पर अपराधियों के साथ मिलकर गलत FIR दर्ज करने के आरोप लगे हैं।
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FIR में शामिल नामचीन लोगों को बचाने और परिवार को फँसाने की कोशिश की गई।
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परिवार की बार-बार की गई शिकायतों और आवेदनों को अनसुना कर दिया गया।
जनता पर असर
यह घटना सिर्फ एक परिवार तक सीमित नहीं है। यह पूरे समाज और न्याय व्यवस्था पर जनता के विश्वास को प्रभावित कर रही है।
यदि अपराधियों और भ्रष्ट अधिकारियों पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आम जनता का भरोसा पुलिस और प्रशासन से पूरी तरह उठ सकता है।
जनता और प्रशासन से सवाल
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FIR 726/2022 की निष्पक्ष जांच कब होगी?
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नवाज अस्पताल के CCTV फुटेज को अदालत में पेश करने में देरी क्यों?
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भ्रष्ट अधिकारियों और अपराधियों पर कार्रवाई कब होगी?
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आम जनता न्याय से वंचित कब तक रहेगी?
निष्कर्ष
“जनता की आवाज़” का यह विशेष सवाल है कि आखिर भोपाल में कब तक भ्रष्टाचार और मिलीभगत के चलते आम लोग पीड़ित होते रहेंगे। क्या FIR 726/2022 न्याय का मोड़ बनेगी या एक और अनसुलझी फाइल बनकर रह जाएगी?