




आज के तनावपूर्ण समय में नौकरी का संकट आम समस्या बनती जा रही है। वैश्विक आर्थिक मंदी, उद्योगों में मंदी और बढ़ते प्रतिस्पर्धा के बीच कई युवा अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठते हैं। ऐसे में कुछ लोग गांव लौटकर खेती की ओर लौट रहे हैं। इसी दिशा में प्रेरणा का उदाहरण हैं झारखंड के जामताड़ा जिले के किसान जगदीश राय, जिन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से खेती को सफलता की राह पर ला खड़ा किया।
जगदीश राय का जन्म और पालन-पोषण जामताड़ा जिले में हुआ। शिक्षा की दृष्टि से वे केवल आठवीं कक्षा तक पढ़े हैं, लेकिन यह उनके जीवन में कभी बाधा नहीं बनी। छोटे से गांव में संसाधनों की कमी और सीमित अवसरों के बावजूद, जगदीश ने अपने भविष्य को संवारने का सपना देखा।
जगदीश राय ने देखा कि गांव में पारंपरिक खेती से आमदनी सीमित होती है और कई किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने उन्नत खेती तकनीकों और ट्रेनिंग की जानकारी हासिल की। स्थानीय कृषि विभाग और प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षित होकर, उन्होंने नई विधियों को अपनाया।
जगदीश राय ने केवल पारंपरिक फसलों तक सीमित रहने की बजाय उन्नत खेती विधियों को अपनाया। उन्होंने जैविक खाद, ड्रिप इरिगेशन, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और मौसमी फसल चयन का सही मिश्रण किया। इसके परिणामस्वरूप, उनकी खेती न केवल आर्थिक दृष्टि से मजबूत हुई बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहतर हुई।
वे कहते हैं, “शिक्षा जरूरी है, लेकिन सीखने की इच्छा और मेहनत ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर आप सही ट्रेनिंग और नवाचार अपनाएं, तो खेती में भी अच्छी आमदनी संभव है।”
आज कई युवा अपनी नौकरियों खोकर निराश हो रहे हैं। ऐसे में जगदीश राय की कहानी उनके लिए प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि गांव लौटकर खेती करना भी सम्मानजनक और लाभदायक विकल्प हो सकता है।
जगदीश का मानना है कि किसानों को तकनीकी ज्ञान और सही प्रशिक्षण मिलना चाहिए। केवल मेहनत से काम नहीं चलता; नई तकनीकों और स्मार्ट खेती के साथ ही आर्थिक लाभ बढ़ाया जा सकता है।
जगदीश राय न केवल खुद खेती में सफल हैं, बल्कि वे गांव के अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने स्थानीय युवाओं और महिला समूहों को कृषि और पशुपालन के उन्नत तरीकों पर प्रशिक्षित किया। इससे न केवल उनके गांव में आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण समाज में नई सोच और आत्मनिर्भरता भी आई है।
उनका कहना है, “जब हम गांव में युवाओं को सही दिशा दिखाते हैं, तो वह न केवल खेती में सफल होते हैं बल्कि अपने परिवार और समुदाय को भी सशक्त बनाते हैं।”
उन्नत तकनीकों और निरंतर मेहनत के परिणामस्वरूप, जगदीश राय की आमदनी पारंपरिक किसानों की तुलना में कई गुना अधिक हो गई है। उनकी फसलें बाजार में उच्च कीमत पर बिकती हैं और उनका नाम क्षेत्रीय स्तर पर जाना जाने लगा है।
वे अपने अनुभव को साझा करते हुए कहते हैं, “अगर युवा मेहनत और सीखने की चाह रखें, तो खेती में भी दुनिया बदलने की क्षमता है। हमें सिर्फ अपने संसाधनों और ज्ञान का सही उपयोग करना चाहिए।”
जगदीश राय की जीवन यात्रा यह दर्शाती है कि शिक्षा की सीमितता और पारंपरिक सोच भी सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती। गाँव लौटकर खेती करना, नई तकनीक अपनाना और निरंतर सुधार करना – यही उनके सफलता का मंत्र है।
आज जब युवा नौकरियों की अनिश्चितता और तनाव में हैं, जगदीश राय का उदाहरण उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि मेहनत, ज्ञान और आत्मविश्वास से किसी भी परिस्थिति में सफलता हासिल की जा सकती है।
उनकी कहानी सिर्फ व्यक्तिगत सफलता की नहीं है, बल्कि पूरे ग्रामीण समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। युवा अगर उनके अनुभव से सीखें, तो कृषि क्षेत्र में न केवल अपनी आजीविका सुदृढ़ कर सकते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं।