




महाराष्ट्र सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगातार कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है ‘लाडकी बहिन योजना’, जिसके तहत राज्य की योग्य महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शुक्रवार को जानकारी दी कि अगस्त महीने की किस्त महिलाओं के खातों में जमा करना शुरू कर दिया गया है। लाखों महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं और इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
‘लाडकी बहिन योजना’ का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि जब महिलाओं को वित्तीय सहयोग मिलेगा तो वह न केवल परिवार की जिम्मेदारियां बेहतर ढंग से निभा पाएंगी, बल्कि समाज में भी उनकी स्थिति मजबूत होगी। परिवार की आमदनी बढ़ाने में सहयोग। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण पर सकारात्मक असर। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को समान लाभ।
मंत्रालय के मुताबिक, अब तक लाखों महिलाओं ने इस योजना में पंजीकरण कराया है। अगस्त महीने की किस्त जारी होने के बाद कई महिलाओं ने खुशी जाहिर की और कहा कि यह राशि उनके लिए आर्थिक सहारा साबित हो रही है। किसी ने इसे बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करने की बात कही, तो कई महिलाओं ने घरेलू जरूरतों और छोटे व्यवसायों में इसे लगाने की योजना बनाई है।
सरकार ने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सिस्टम को अपनाया है। इससे महिलाओं को किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं होती और रकम सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है। हर महीने निर्धारित समय पर राशि ट्रांसफर होती है। महिलाएं बैंक/मोबाइल ऐप/एटीएम से पैसा निकाल सकती हैं। लेनदेन में पूरी पारदर्शिता बनी रहती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाओं का असर केवल वित्तीय मदद तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण का भी जरिया बनती हैं। महिलाओं की निर्भरता कम होती है। छोटे व्यापार और स्व-रोज़गार को बढ़ावा मिलता है। घर-परिवार में महिलाओं का निर्णय लेने का अधिकार बढ़ता है।
महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा,
“महाराष्ट्र सरकार हर महिला तक इस योजना का लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बड़ा कदम है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले महीनों में अधिक से अधिक पात्र महिलाओं को योजना में शामिल किया जाएगा।
हालांकि योजना को लेकर महिलाओं में उत्साह है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। ग्रामीण इलाकों में कई महिलाएं बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हैं। जागरूकता की कमी के कारण कुछ पात्र महिलाएं पंजीकरण नहीं करा पा रही हैं। तकनीकी समस्याओं के कारण कभी-कभी किस्त समय पर नहीं पहुँच पाती। सरकार ने कहा है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष कैंपेन और बैंकिंग सहयोग कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
महाराष्ट्र सरकार इस योजना को और विस्तार देने की सोच रही है। आने वाले समय में राशि को और बढ़ाने और योजना के दायरे में नई सुविधाएँ जोड़ने पर विचार किया जा सकता है।
‘लाडकी बहिन योजना’ महाराष्ट्र सरकार का महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगस्त की किस्त जारी होने से महिलाओं में नई ऊर्जा और विश्वास देखने को मिला है। यह योजना न केवल आर्थिक सहयोग देती है, बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है।