




नाशिक: पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में नाशिक ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। Swachh Vayu Survekshan 2025 की ताज़ा रिपोर्ट में नाशिक ने दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 16वां स्थान प्राप्त किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में तीन पायदान ऊपर की उपलब्धि है।
नाशिक की हवा की गुणवत्ता में सुधार केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर लोगों की जीवनशैली और स्वास्थ्य पर भी दिखाई दे रहा है। Swachh Vayu Survekshan के अनुसार, नाशिक ने 200 में से 178.4 अंक हासिल किए हैं, जो इस बात का संकेत है कि शहर प्रशासन और नागरिकों ने मिलकर वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक नाशिक की रैंकिंग सुधारने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
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ग्रीन कवर बढ़ाना – शहर में नए वृक्षारोपण अभियान और पार्कों का विकास किया गया।
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CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता इस्तेमाल – सार्वजनिक परिवहन और निजी स्तर पर EV की संख्या बढ़ी।
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सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार – धूल प्रदूषण और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए सड़क सुधार कार्य हुए।
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औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण – प्रदूषणकारी उद्योगों पर निगरानी कड़ी की गई।
इन प्रयासों ने न केवल हवा को स्वच्छ बनाया बल्कि शहर को रहने योग्य बनाने की दिशा में भी बड़ी भूमिका निभाई।
विशेषज्ञों का मानना है कि वायु गुणवत्ता में सुधार का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों में राहत मिल रही है। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। नागरिकों के लिए सुबह-शाम वॉक और आउटडोर गतिविधियों में सहजता बढ़ी है।
नाशिक नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“यह उपलब्धि केवल सरकार या प्रशासन की नहीं है, बल्कि इसमें नागरिकों का भी बराबर योगदान है। लोगों ने प्रदूषण घटाने के प्रयासों में साथ दिया, चाहे वह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल हो, वृक्षारोपण हो या इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना।”
नाशिक में हाल के वर्षों में CNG बसें और इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा बड़ी संख्या में चलाए गए हैं। इसके अलावा निजी वाहन धारकों में भी इलेक्ट्रिक कारों और बाइकों की लोकप्रियता बढ़ रही है। इन प्रयासों ने वायु प्रदूषण को कम करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
शहर प्रशासन का कहना है कि आने वाले वर्षों में और भी योजनाएं लागू की जाएंगी, जैसे हर वार्ड में ग्रीन जोन का निर्माण। सोलर एनर्जी पर आधारित बस स्टॉप और स्मार्ट चार्जिंग स्टेशन। प्रदूषणकारी उद्योगों पर और सख्त कार्रवाई। स्कूल और कॉलेज स्तर पर जागरूकता अभियान।
नाशिक के नागरिक इस सुधार से उत्साहित हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“हमने खुद महसूस किया है कि हवा पहले से ज्यादा साफ हो रही है। बच्चे बाहर खेलते हैं तो पहले जैसी दिक्कतें नहीं होतीं। यह सब मिलकर हमारी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बना रहा है।”
Swachh Vayu Survekshan में अच्छा प्रदर्शन नाशिक की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करता है। अब नाशिक को न केवल वाइन कैपिटल ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाएगा, बल्कि एक ऐसे शहर के रूप में भी पहचाना जाएगा जिसने वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में सराहनीय कदम उठाए।
नाशिक का Swachh Vayu Survekshan 2025 में 16वें स्थान पर पहुंचना इस बात का सबूत है कि शहर ने पर्यावरण और वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में लगातार काम किया है। यह उपलब्धि केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य की नींव रखती है।