




छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल इलाका बस्तर अब एक नई विकास यात्रा पर निकल पड़ा है। कभी केवल प्राकृतिक संसाधनों और अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाने वाला यह क्षेत्र अब उद्योग, पर्यटन, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, बस्तर क्षेत्र में कुल ₹52,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव किए गए हैं।
इन निवेश प्रतिबद्धताओं से न केवल क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। यह बस्तर को मुख्यधारा से जोड़ने और ‘नए भारत’ के विजन के अनुरूप आगे ले जाने की दिशा में बड़ा कदम है।
बस्तर के लिए यह निवेश बहु-क्षेत्रीय है, यानी विकास केवल एक दिशा में नहीं बल्कि कई मोर्चों पर होगा। मुख्य क्षेत्र हैं:
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रेल परियोजनाएं –
बस्तर को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए रेलवे कनेक्टिविटी पर बड़ा फोकस है। नई रेल लाइनों के निर्माण और पुराने नेटवर्क को अपग्रेड करने पर निवेश होगा। -
सड़क परियोजनाएं –
बेहतर सड़क नेटवर्क न केवल उद्योग बल्कि पर्यटन को भी गति देगा। निवेश के तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजमार्गों का विस्तार किया जाएगा। -
स्वास्थ्य क्षेत्र –
बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। अब निवेश से नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। -
पर्यटन विकास –
बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता, झरने, गुफाएं और आदिवासी संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए पर्यटन अवसंरचना पर खास निवेश होगा।
बस्तर हमेशा से अपनी प्राकृतिक धरोहर और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, दंतेवाड़ा मंदिर और हाट-बाज़ार जैसे सांस्कृतिक स्थल यहां की पहचान हैं।
अब पर्यटन को व्यवस्थित रूप से विकसित करने की योजना है। इको-टूरिज्म को बढ़ावा, होम-स्टे और रिसॉर्ट्स का निर्माण, स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प को बाजार उपलब्ध कराना इससे न केवल बस्तर की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि यहां के लोगों की जीवनशैली में भी सुधार आएगा।
₹52,000 करोड़ के निवेश का सबसे बड़ा असर रोजगार सृजन पर पड़ेगा। अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में 30,000 से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी।
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रेल और सड़क परियोजनाओं से स्थानीय मजदूरों और इंजीनियरों को रोजगार मिलेगा।
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स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए अवसर बढ़ेंगे।
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पर्यटन उद्योग से गाइड, होटल-स्टाफ और हस्तशिल्प कलाकारों को बड़ा लाभ होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि बस्तर को केवल संसाधनों का क्षेत्र न मानकर उसे विकास और नवाचार का केंद्र बनाना उनकी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा:
“बस्तर की तरक्की छत्तीसगढ़ की तरक्की है। यह निवेश न केवल उद्योग को गति देगा बल्कि यहां के युवाओं को उनके घर पर ही रोजगार दिलाएगा।”
दूसरी ओर, निवेशकों का मानना है कि बस्तर का भौगोलिक महत्व और प्राकृतिक संसाधन उद्योगों को नई दिशा देंगे।
हालांकि निवेश प्रस्ताव उत्साहजनक हैं, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। बस्तर का भौगोलिक इलाका कठिन है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण मुश्किल हो सकता है। वर्षों से चली आ रही नक्सलवाद की समस्या भी विकास की गति को प्रभावित कर सकती है। स्थानीय लोगों का विश्वास जीतना और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना सबसे अहम कार्य होगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यह निवेश धरातल पर उतरता है तो उनकी ज़िंदगी में ऐतिहासिक बदलाव आएगा।
एक स्थानीय किसान ने कहा –
“हमारे बच्चे अब रोज़गार के लिए शहरों की ओर पलायन नहीं करेंगे। अगर यहां उद्योग लगेंगे और पर्यटन बढ़ेगा तो हमें भी सम्मानजनक जीवन मिलेगा।”
बस्तर में ₹52,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि यह उस क्षेत्र की नई पहचान गढ़ने का सपना है, जो अब तक संसाधनों के बावजूद विकास की दौड़ में पीछे था।