




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 सितंबर 2025 के बीच देश के पाँच महत्वपूर्ण राज्यों — मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार — का दौरा करने जा रहे हैं। इस दौरे को ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि इसमें लगभग ₹71,850 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा। साथ ही, प्रधानमंत्री तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाएँगे, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में संपर्क और तेज़ यातायात को नया आयाम मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा चरणबद्ध तरीके से होगा।
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13 सितंबर को प्रधानमंत्री मिजोरम और मणिपुर में जनसभाओं को संबोधित करेंगे और राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप विकास योजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
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14 सितंबर को वे असम और पश्चिम बंगाल पहुँचेंगे जहाँ बुनियादी ढाँचा, रेलवे और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाओं की शुरुआत होगी।
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15 सितंबर को बिहार में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी राज्य की जनता को ₹30,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देंगे।
इस दौरे का सबसे बड़ा आकर्षण लगभग ₹71,850 करोड़ की परियोजनाएँ हैं। इनमें शामिल हैं:
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रेलवे परियोजनाएँ: नए रेलवे ट्रैक, आधुनिक स्टेशन पुनर्विकास, इलेक्ट्रिफिकेशन और हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की दिशा में कदम।
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सड़क और एक्सप्रेसवे: पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क संपर्क को मज़बूत करने के लिए नई सड़कों और एक्सप्रेसवे का निर्माण।
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डिजिटल कनेक्टिविटी: भारतनेट योजना के तहत गाँव-गाँव में तेज़ इंटरनेट उपलब्ध कराने की शुरुआत।
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स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र: नए मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना।
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ऊर्जा परियोजनाएँ: ग्रीन एनर्जी और सोलर पावर परियोजनाओं का उद्घाटन।
प्रधानमंत्री इस दौरे के दौरान तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएँगे। माना जा रहा है कि इनमें से दो ट्रेनें पूर्वोत्तर भारत के लिए होंगी, जिससे मणिपुर और मिजोरम की राजधानी दिल्ली और कोलकाता से बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगी। तीसरी ट्रेन बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच चलेगी, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है। वर्ष 2025 के उत्तरार्ध में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं और 2026 में आम चुनाव भी। ऐसे में यह दौरा भाजपा के लिए जनसमर्थन जुटाने और अपनी उपलब्धियों को जनता के बीच रखने का एक बड़ा मंच होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में भाजपा की पकड़ को मज़बूत करने की रणनीति का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी का फोकस इन राज्यों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने पर है।
स्थानीय लोगों में इस दौरे को लेकर काफ़ी उत्साह है। मिजोरम और मणिपुर के लोगों को उम्मीद है कि सड़क और रेल परियोजनाओं से उनकी कठिनाइयाँ कम होंगी और व्यापार को नया बढ़ावा मिलेगा। बिहार और पश्चिम बंगाल में जनता को रोजगार और बुनियादी ढाँचे में सुधार की उम्मीद है।
असम में प्रधानमंत्री के दौरे से पर्यटन और ऊर्जा परियोजनाओं को बल मिलने की संभावना है। खासकर चाय उद्योग और पूर्वोत्तर के छोटे उद्योगों को इससे बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
जहाँ सत्तारूढ़ भाजपा इस दौरे को ऐतिहासिक बता रही है, वहीं विपक्ष ने इसे “चुनावी तैयारी” करार दिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार को केवल चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे याद आते हैं। हालांकि, भाजपा का तर्क है कि ये योजनाएँ लंबे समय से चल रही थीं और अब उन्हें साकार रूप दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा विकास, राजनीति और जनता की उम्मीदों का संगम है। ₹71,850 करोड़ की परियोजनाएँ और तीन नई ट्रेनें न केवल बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेंगी बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी नई गति देंगी। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन परियोजनाओं का वास्तविक असर ज़मीनी स्तर पर कितना होता है।