




क्वारब मार्ग की दुर्दशा ने व्यापारियों और आम जनता की सहनशीलता की सीमा तोड़ दी है। सड़क कभी खुलती तो कभी बंद रहती रही, लेकिन बीते तीन महीनों से भारी वाहनों के लिए मार्ग पूरी तरह से बंद है। नतीजतन व्यापार ठप, पर्यटन प्रभावित और जनता बेहाल हो गई है। अब व्यापारी सड़क सुधार को लेकर खुलकर आवाज बुलंद करने लगे हैं।
शुक्रवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की नगर इकाई ने ऐतिहासिक बाजार में हस्ताक्षर अभियान चलाया। बाटा चौक से शुरू हुए इस अभियान में बड़ी संख्या में व्यापारी और स्थानीय लोग शामिल हुए। लोडिंग-अनलोडिंग की समस्या से जूझ रहे व्यापारियों ने कहा कि रोजमर्रा के सामान की उपलब्धता भी प्रभावित हो रही है। ठेकेदार पर घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए व्यापारियों ने कहा कि “दो महीने में ही सड़क दरकना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।”
सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष सुशील साह ने कहा कि अब धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है। यदि आवाज नहीं सुनी गई तो व्यापारी उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। वहीं नगर अध्यक्ष अजय वर्मा ने घोषणा की कि आगामी 15 सितंबर को नंदादेवी मंदिर से पलटन बाजार तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। इसमें अन्य सामाजिक और व्यापारिक संगठन भी शामिल होंगे।
शनिवार से यह अभियान पूरे नगर और जिले में फैलाया जाएगा। बढ़ते हस्ताक्षर समर्थन ने आंदोलन को और गति दी है। व्यापारी एकजुट होकर प्रशासन से क्वारब मार्ग को तत्काल खोलने और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
सड़क की यह समस्या सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रही, बल्कि स्थानीय पर्यटन और आम लोगों के दैनिक जीवन पर भी गहरा असर डाल रही है। अब यह आंदोलन केवल शिकायत नहीं, बल्कि साझा संघर्ष की आवाज़ बन चुका है।