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कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीधे हमलावर नजर आए। इस बार उन्होंने ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को उठाते हुए इसे जनरेशन Z यानी नए वोटरों से जोड़ने की कोशिश की है। राहुल गांधी का कहना है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए युवाओं को आगे आना होगा। वहीं, BJP ने पलटवार करते हुए चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस इस तरह की राजनीति करेगी तो देश में नेपाल जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने हाल ही में अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य उन्हीं के हाथों में है और अगर आज ‘वोट चोरी’ को नजरअंदाज किया गया तो आने वाले समय में लोकतंत्र और संस्थाएं कमजोर हो जाएंगी।
राहुल ने यह भी कहा कि जनरेशन Z डिजिटल और जागरूक पीढ़ी है, जो फर्जीवाड़े और धांधली को आसानी से पहचान सकती है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं।
कांग्रेस ने हाल ही में कई राज्यों में चुनावी प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि EVM में गड़बड़ी, मतदाता सूची से नाम गायब होना और प्रशासनिक दबाव जैसी घटनाओं ने लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है। राहुल गांधी ने इसे ‘लोकतंत्र का अपहरण’ बताते हुए कहा कि अगर जनता अब भी चुप रही तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।
BJP ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस जनता का भरोसा खो चुकी है और अब वोट चोरी का भ्रम फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। भाजपा प्रवक्ताओं ने यह भी कहा कि राहुल गांधी लगातार युवाओं को गुमराह कर रहे हैं और अगर यह सिलसिला जारी रहा तो भारत में नेपाल जैसे हालात पैदा हो सकते हैं, जहां राजनीतिक अस्थिरता ने विकास को प्रभावित किया।
BJP नेताओं ने यह भी तर्क दिया कि कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ वाला नैरेटिव सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा है, क्योंकि पार्टी हाल के चुनावों में हार का सामना कर रही है।
इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर भी बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर #VoteChoriRow और #GenZWithRahul जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। जहां कांग्रेस समर्थक राहुल गांधी की इस पहल को लोकतंत्र बचाने की जंग बता रहे हैं, वहीं बीजेपी समर्थक इसे ‘फर्जी नैरेटिव’ करार दे रहे हैं।
भारत की जनसंख्या में जनरेशन Z और मिलेनियल्स की बड़ी हिस्सेदारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये युवा राजनीति में सक्रिय भागीदारी करेंगे तो देश के चुनावी परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है। राहुल गांधी इसी वर्ग को टारगेट कर रहे हैं ताकि कांग्रेस को नई ऊर्जा मिल सके।
‘वोट चोरी’ को लेकर राहुल गांधी और भाजपा के बीच जुबानी जंग ने राजनीति में नई हलचल मचा दी है। राहुल जहां युवाओं को लोकतंत्र की रक्षा का प्रहरी मानते हैं, वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ भ्रम फैला रही है। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा कितना असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल इस विवाद ने भारतीय राजनीति में जनरेशन Z की भूमिका को केंद्र में ला दिया है।






