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दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के DUSU (Delhi University Students’ Union) चुनाव 2025 का परिणाम आज घोषित कर दिया गया। इस बार के चुनाव में छात्र नेताओं ने जबरदस्त प्रतिस्पर्धा दिखाई। छात्रसंघ अध्यक्ष और सचिव के पदों के लिए कई बड़े नेताओं ने मैदान में अपनी दावेदारी पेश की।
DUSU अध्यक्ष पद के लिए मुख्य मुकाबला NSUI और ABVP के बीच रहा। प्रारंभिक मतगणना में यह स्पष्ट हुआ कि छात्रों ने अपने फैसले में शिक्षा और छात्र कल्याण को प्रमुख माना।
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कई कॉलेजों और हॉस्टलों में वोटिंग प्रतिशत 70% के आसपास दर्ज किया गया।
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परिणाम घोषित होने के बाद विजेता नेता ने कहा कि उनका फोकस छात्रों की समस्याओं का समाधान और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर होगा।
सचिव पद के लिए भी तेजी से वोटिंग और हाई-टेंशन मुकाबला देखने को मिला।
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विजेता ने अपने पहले बयान में सभी छात्रों से साथ मिलकर काम करने की अपील की।
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चुनाव में हिस्सा लेने वाले अन्य प्रत्याशियों ने परिणाम को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया।
इस बार के DUSU चुनाव में मुख्य मुद्दे रहे:
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शिक्षा और फीस की दरों में स्थिरता
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छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधाओं में सुधार
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कैंपस में सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट सुविधाओं का विकास
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छात्र संगठन और कॉलेज स्तर पर सक्रिय भागीदारी
छात्रों का कहना था कि वे ऐसे नेताओं को चुनना चाहते हैं जो कक्षा और हॉस्टल से जुड़े मुद्दों को तुरंत हल कर सकें।
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DUSU चुनावों में ई-वीएम और पेपर बैलेट दोनों का उपयोग किया गया।
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मतदान के दौरान सख्त सुरक्षा और निगरानी रखी गई।
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COVID-19 के बाद यह पहला बड़ा छात्र चुनाव था जिसमें लाइव अपडेट और सोशल मीडिया पर ट्रैकिंग की सुविधा भी दी गई।
छात्रों ने कहा कि यह चुनाव छात्र राजनीति और कॉलेज लोकतंत्र का असली चेहरा दिखाता है।
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कुछ छात्र खुश हैं कि छात्रों की आवाज़ नेतृत्व में सीधे दिखाई देगी।
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वहीं कुछ ने सुझाव दिया कि मतदान और नतीजों की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
DUSU चुनाव 2025 ने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र लोकतांत्रिक तरीके से अपने प्रतिनिधियों का चयन करने में सक्षम हैं।
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नए अध्यक्ष और सचिव से उम्मीद है कि वे छात्र हित में ठोस कदम उठाएंगे।
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यह चुनाव न केवल छात्र राजनीति का मील का पत्थर है, बल्कि आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय की दिशा और छात्र कल्याण नीतियों को भी प्रभावित करेगा।
इस बार के DUSU चुनाव के परिणाम ने साबित किया कि छात्र राजनीति में जागरूकता और सक्रियता बढ़ रही है।








