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भारतीय उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। GST काउंसिल ने 22 सितंबर 2025 के बाद से लागू होने वाले नए नियमों की घोषणा की है। इसके तहत कई रोजमर्रा की चीज़ों और सेवाओं को जीरो टैक्स स्लैब (Zero GST Items) में शामिल किया गया है। इसमें पनीर, रोटी और कुछ तरह की इंश्योरेंस सेवाएं भी शामिल हैं।
यह फैसला सरकार ने बढ़ती महंगाई और आम लोगों पर पड़ रहे टैक्स बोझ को कम करने के लिए लिया है।
22 सितंबर से जिन चीज़ों और सेवाओं पर GST पूरी तरह से हटा दिया जाएगा, उनमें शामिल हैं:
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पनीर (Paneer): पैक्ड और अनपैक्ड दोनों तरह के पनीर पर अब कोई GST नहीं लगेगा।
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रोटी (Roti): होटल्स और रेस्टोरेंट्स के बाहर बेची जाने वाली रोटियों पर जीएसटी खत्म।
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इंश्योरेंस सेवाएं (Insurance): खासकर हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े कुछ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को जीरो टैक्स में रखा गया है।
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इसके अलावा, बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ एसेंशियल सर्विसेज पर भी टैक्स राहत दी गई है।
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महंगाई का दबाव कम करना: लगातार बढ़ती महंगाई ने मध्यम और गरीब वर्ग की कमर तोड़ दी है।
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दैनिक जरूरत की चीजें सस्ती करना: पनीर और रोटी जैसी चीजें हर घर में इस्तेमाल होती हैं, इसलिए सरकार ने इन्हें टैक्स से मुक्त कर दिया।
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स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा: इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाकर सरकार चाहती है कि लोग ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य और शिक्षा बीमा खरीदें।
इस फैसले का ऐलान GST काउंसिल की बैठक के बाद हुआ। बैठक में वित्त मंत्री और कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
काउंसिल ने माना कि आम जनता को राहत देने और अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं।
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टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीरो टैक्स स्लैब से उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलेगी।
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इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि इससे खपत बढ़ेगी और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को फायदा होगा।
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वहीं, कुछ राज्यों ने चिंता जताई है कि टैक्स कलेक्शन घटने से उनके राजस्व पर असर पड़ेगा।
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अब होटल से बाहर खरीदे गए पनीर और रोटियों की कीमतें और सस्ती होंगी।
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इंश्योरेंस पॉलिसियों की प्रीमियम राशि कम होगी, जिससे आम जनता इन्हें आसानी से खरीद सकेगी।
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बच्चों की शिक्षा से जुड़ी सेवाओं पर टैक्स राहत मिलने से मिडिल क्लास परिवारों का बोझ घटेगा।
दुनिया के कई देशों में डेली यूज़ प्रोडक्ट्स पर टैक्स बहुत कम या जीरो होता है। भारत अब उसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
22 सितंबर के बाद GST में किए गए बदलाव से आम जनता को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। सरकार का यह फैसला न केवल महंगाई से जूझ रहे परिवारों को सहारा देगा, बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है।






