




भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञ डॉ. पुनीत गुप्ता ने एक ऐतिहासिक दावा किया है कि उन्होंने हड़प्पा लिपि को पढ़ लिया है। उनके अनुसार, इस प्राचीन लिपि में ऋषभदेव, राम और आयुर्वेद का उल्लेख पाया गया है, जो भारतीय सभ्यता के प्राचीन ज्ञान को उजागर करता है।
हड़प्पा लिपि का अध्ययन
डॉ. गुप्ता ने हड़प्पा लिपि के अध्ययन में एक नई दिशा अपनाई। उन्होंने लिपि के संकेतों का विश्लेषण करते हुए पाया कि इसमें प्रत्येक ध्वनि के लिए दो स्वतंत्र चिह्न निर्दिष्ट किए गए हैं। इसे उन्होंने ‘द्विकक्षीय अबीगुडा फोनेटिक राइटिंग सिस्टम’ नाम दिया। उनका मानना है कि इस प्रणाली के माध्यम से हड़प्पा सभ्यता के लोग अपने विचारों और ज्ञान को व्यक्त करते थे।
ऋषभदेव और राम का उल्लेख
डॉ. गुप्ता के अनुसार, हड़प्पा लिपि में ऋषभदेव और राम का उल्लेख पाया गया है। ऋषभदेव, जिन्हें जैन धर्म में पहले तीर्थंकर के रूप में पूजा जाता है, का नाम लिपि में स्पष्ट रूप से अंकित है। इसके अतिरिक्त, राम का नाम भी कुछ संकेतों में पाया गया है, जो रामायण के अस्तित्व को प्राचीन काल में सिद्ध करता है।
आयुर्वेद का ज्ञान
डॉ. गुप्ता ने हड़प्पा लिपि में आयुर्वेद से संबंधित संकेतों की पहचान की है। उनके अनुसार, लिपि में मानव शरीर, स्वर तंत्र और चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जानकारी दी गई है। एक उदाहरण के रूप में, उन्होंने प्रसव प्रक्रिया से संबंधित एक दृश्य का उल्लेख किया, जिसमें महिला की दो दहाड़ों का वर्णन है—एक प्रसव के समय और दूसरी प्रसव के बाद। यह संकेत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों की प्राचीनता को दर्शाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
डॉ. गुप्ता ने अपने अध्ययन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने लिपि के संकेतों का सांकेतिक और ध्वन्यात्मक विश्लेषण किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग एक विकसित भाषा और लेखन प्रणाली का उपयोग करते थे। उनके अनुसार, यह खोज भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
प्रतिक्रिया और मान्यता
डॉ. गुप्ता की इस खोज पर विभिन्न विशेषज्ञों और विद्वानों की प्रतिक्रियाएँ मिश्रित रही हैं। कुछ ने उनके दावे को स्वागतयोग्य और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया है, जबकि कुछ ने इसे और अधिक शोध और प्रमाण की आवश्यकता बताया है। संस्कृति मंत्रालय ने डॉ. गुप्ता से अपने अध्ययन को विस्तृत रूप से प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है, ताकि विशेषज्ञ समिति द्वारा इसकी समीक्षा की जा सके।
डॉ. पुनीत गुप्ता की यह खोज भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन में एक नई दिशा प्रदान करती है। हड़प्पा लिपि में ऋषभदेव, राम और आयुर्वेद का उल्लेख भारतीय सभ्यता के प्राचीन ज्ञान को उजागर करता है। हालांकि, इस दावे की वैज्ञानिक मान्यता के लिए और अधिक शोध और प्रमाण की आवश्यकता है, लेकिन यह खोज भारतीय इतिहास के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण कदम है।