• Create News
  • Nominate Now

    भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर संशय: न अगली तारीख तय, न जगह, क्या अटक गई बातचीत?

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही ट्रेड डील की बातचीत अब एक बार फिर सुर्खियों में है। पांच दौर की गहन चर्चाओं के बावजूद अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। हैरानी की बात यह है कि अगली बैठक की तारीख और स्थान भी तय नहीं किया जा सका है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह डील फिलहाल अटक गई है या फिर इसे किस्तों में आगे बढ़ाया जाएगा।

    अब तक की बातचीत

    भारत और अमेरिका के बीच यह डील व्यापार और निवेश को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है। दोनों पक्षों ने अब तक पाँच दौर की बातचीत की है। इन दौरों में कृषि, सेवाएँ, आईटी सेक्टर, फार्मा इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

    हालांकि, कई मुद्दों पर सहमति बनने के बावजूद कुछ प्रमुख विषय अब भी उलझे हुए हैं। यही कारण है कि बातचीत को लेकर आगे की स्पष्ट तस्वीर नहीं बन पाई है।

    अगली बैठक पर संशय

    रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और अमेरिका दोनों ही पक्ष अगली बैठक को लेकर सहमति बनाने में अभी तक नाकाम रहे हैं। न तो तारीख तय हुई है और न ही स्थान। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि बातचीत फिलहाल धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक हितों का टकराव और घरेलू नीतिगत प्राथमिकताएँ इस प्रक्रिया को जटिल बना रही हैं।

    डील किस्तों में पूरी होने की संभावना

    सूत्रों के मुताबिक, यह ट्रेड डील एक बार में पूरी होने के बजाय किस्तों में पूरी हो सकती है। यानी पहले चरण में कुछ चुनिंदा मुद्दों पर सहमति बनेगी और बाकी विषय बाद में शामिल किए जाएंगे।

    यह रणनीति दोनों देशों को लचीलापन देती है। साथ ही यह तरीका सुनिश्चित करेगा कि जहां सहमति बन चुकी है, वहां प्रगति हो सके और विवादित मुद्दों को समय के साथ हल किया जा सके।

    भारत के दृष्टिकोण से

    भारत के लिए यह डील कई मायनों में अहम है।

    • यह घरेलू उद्योगों को वैश्विक बाजार में बेहतर अवसर दिला सकती है।

    • आईटी और फार्मा सेक्टर को अमेरिकी बाजार में और मजबूत पहुंच मिलेगी।

    • कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिल सकता है।

    • भारत को विदेशी निवेश आकर्षित करने का मौका मिलेगा।

    हालांकि, भारत को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि डील से घरेलू किसानों और छोटे व्यापारियों पर नकारात्मक असर न पड़े।

    अमेरिका के दृष्टिकोण से

    अमेरिका भी इस डील को लेकर रणनीतिक रूप से उत्साहित है।

    • उसे भारत जैसे विशाल बाजार तक पहुँच मिलेगी।

    • अमेरिकी कृषि उत्पादों और टेक्नोलॉजी को भारत में अवसर मिलेगा।

    • चीन पर निर्भरता कम करने की रणनीति में भारत अहम भूमिका निभा सकता है।

    लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत बाजार खोलने में और अधिक लचीलापन दिखाए। यही मांग विवाद की वजह भी बन रही है।

    प्रमुख विवादित मुद्दे

    1. कृषि उत्पादों पर टैरिफ – भारत अपने किसानों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी कृषि उत्पादों पर ऊँचे टैरिफ लगाता है।

    2. आईटी और डेटा सुरक्षा – अमेरिका चाहता है कि डेटा फ्लो पर ज्यादा आज़ादी मिले, जबकि भारत डेटा सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख रखता है।

    3. फार्मा और पेटेंट – जेनेरिक दवाओं को लेकर भारत और अमेरिका की नीतियाँ अलग हैं।

    4. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर – भारत “मेक इन इंडिया” पर जोर देता है जबकि अमेरिका अपने उत्पादों की भारत में आसान एंट्री चाहता है।

    विशेषज्ञों की राय

    अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर यह डील सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है तो दोनों देशों के बीच व्यापार का दायरा कई गुना बढ़ सकता है। फिलहाल द्विपक्षीय व्यापार लगभग 200 अरब डॉलर के आसपास है, जिसे अगले कुछ वर्षों में दोगुना करने की संभावना है।

    हालांकि, यह तभी संभव होगा जब दोनों देश अपने-अपने हितों के बीच संतुलन स्थापित कर पाएं।

    आगे का रास्ता

    भले ही फिलहाल अगली बैठक को लेकर अनिश्चितता है, लेकिन उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं। यह बातचीत धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी और संभव है कि अगले कुछ महीनों में पहली किस्त पर सहमति बन जाए।

    भारत और अमेरिका दोनों ही वैश्विक मंच पर एक-दूसरे के लिए अहम साझेदार हैं। ऐसे में लंबे समय तक यह डील ठप रहना किसी के हित में नहीं होगा।

    भारत और अमेरिका की ट्रेड डील भले ही फिलहाल अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है, लेकिन दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएँ बहुत अधिक हैं। अगली बैठक की तारीख और जगह तय न होना जरूर चिंता का विषय है, लेकिन यह बातचीत पूरी तरह थमी नहीं है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    Cramps और Dew की चुनौती: भारत- पाकिस्तान फाइनल में कारगर रणनीति बना सकती है जीत का अंतर

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। Asia Cup 2025 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ दो लगातार मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है। घरेलू और विदेशी…

    Continue reading
    UNGA में जयशंकर का बड़ा बयान: ‘टैरिफ अस्थिरता के दौर में BRICS को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए’

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के इतर आयोजित BRICS मंत्रिस्तरीय बैठक में टैरिफ…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *