




एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले से पहले ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम विवादों में घिर गई है। सुपर 4 चरण में भारत के खिलाफ मुकाबले में हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान द्वारा किए गए विवादित जेश्चर को लेकर ICC द्वारा कार्रवाई की गई, और अब इस विवाद ने नया मोड़ लिया है — PCB (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने घोषणा की है कि वे व्यक्तिगत रूप से हारिस रऊफ पर लगे जुर्माने को चुकाएंगे।
सुपर 4 मैच के दौरान हारिस रऊफ ने भारत के खिलाफ ‘6‑0’ हाथ इशारा और अन्य सैन्य-संकेत जैसे जेश्चर किए थे, जिन्हें BCCI ने “provocative gestures” (उत्तेजक हरकतें) करार दिया था। वहीं, साहिबजादा फरहान ने अर्धशतक लगाने के बाद बल्ले से ‘गन’ जैसा जश्न मनाया था। इन हरकतों को लेकर BCCI ने ICC में शिकायत दर्ज कराई थी।
ICC की सुनवाई के बाद हारिस रऊफ को 30% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है, जबकि फरहान को कथित रूप से चेतावनी दी गई है।
PCB अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने एक अनौपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से हारिस रऊफ पर लगा जुर्माना चुकाएंगे। उनका यह कदम व्यापक चर्चा में है, क्योंकि उन्होंने इसे खिलाड़ियों को समर्थन देने वाला प्रतीकात्मक कदम बताया है।
नकवी ने यह भी कहा कि यह कदम किसी शैहरी लाभ या राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह टीम की मानसिक सहारा बढ़ाने का एक प्रयास है।
हालाँकि नकवी की पेशकश सुर्खियों में है, लेकिन ICC का नियम स्पष्ट है — जब किसी खिलाड़ी पर मैच फीस का जुर्माना लगाया जाता है, वह राशि सीधे उसी खिलाड़ी की फीस से काटी जाती है। दूसरे शब्दों में, नकवी द्वारा चुकाई गई राशि रिकॉर्ड में नहीं दर्ज होगी; ICC के दस्तावेजों में यह माना जाएगा कि वह राशि रऊफ की ही फीस से कट गई है। यही कारण है कि नकवी की पेशकश प्रतीकात्मक समर्थन जैसे मानी जा रही है।
यह मामला दर्शाता है कि सार्वजनिक रूप से समर्थन देने और असल में नियमों के तहत दंड को बदलने में अंतर होता है।
इस समय यह ड्रामा उस पलों पर उभरा है जब पाकिस्तान टीम फाइनल मुकाबले के लिए भारत के सामने खड़ी हो रही है। भारत ने पहले ही दोनों ग्रुप-स्टेज और सुपर 4 में पाकिस्तान को हरा रखा है, और फाइनल में भी उसकी नजर सख्त है।
इस तरह के विवाद और ड्रामे से टीम के भीतर मनोबल प्रभावित हो सकता है, और विरोधी टीम को मौका मिल सकता है मनोवैज्ञानिक दबाव देने का।
मीडिया और क्रिकेट प्रेमियों के बीच नकवी की पेशकश को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कुछ लोगों ने कहा है कि यह एक सकारात्मक संकेत है — बॉर्ड अध्यक्ष खिलाड़ी के साथ खड़ा है। वहीं अन्य आलोचक इसे केवल राजनीतिक और भावनात्मक नाटक कहते हैं — सवाल उठाते हैं कि क्या इस तरह का प्रदर्शन खिलाड़ियों के असली प्रदर्शन को दबा देगा।
विशेषज्ञों का तर्क है कि यदि अधिकारी और क्रिकेट बोर्ड इस तरह के प्रतीकात्मक कदम उठाएँगे, तो यह खेल को और संवेदनशील और विवादास्पद बना देगा।
ICC अब यह देखेगा कि इस मामले में क्या आगे करना है — क्या नकवी की पेशकश स्वीकार्य है या नहीं, और क्या अन्य दंडात्मक कदम उठाए जाएँ।
PCजीबी या रऊफ स्वयं यदि इस फैसले को चुनौती देना चाहें, तो अपील की प्रक्रिया हो सकती है। लेकिन आमतौर पर ऐसे फैसले सार्वजनिक प्रक्रिया से बाहर नहीं होते।
क्रिकेट समुदाय, प्रशंसक और मीडिया सभी की निगाहें इस फैसले पर टिकी हैं — क्या यह मामला टिकेगा या समय के साथ शांत हो जाएगा।