




झारखंड की राजधानी रांची की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत में 26 सितंबर 2025 को 2024 में झारखंड में सुरक्षा बलों पर हुए नक्सल हमले के मामले में मुख्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इस चार्जशीट में बिहार के जमुई जिले के नक्सली नेता अभिजीत कोड़ा का नाम भी शामिल है।
यह चार्जशीट झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों पर हुए हमलों की जांच के बाद दायर की गई है, जिसमें कई आरोपियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया गया है।
2024 में झारखंड के नक्सली प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों पर एक बड़ा और संगठित हमला हुआ था। इस हमले में नक्सलियों ने हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था, जिससे सुरक्षा बलों को भारी नुकसान हुआ। इस हमले के बाद राज्य प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की और कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया।
हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए और इसके पीछे की साजिश को समझने के लिए यह जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई। NIA ने विस्तृत जांच के बाद आज इस हमले के कई मुख्य आरोपियों को नामजद करते हुए चार्जशीट दाखिल की है।
चार्जशीट में न केवल झारखंड के स्थानीय नक्सली आरोपियों के नाम हैं, बल्कि बिहार के जमुई जिले के प्रमुख नक्सली कमांडर अभिजीत कोड़ा को भी इसमें शामिल किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, अभिजीत कोड़ा न केवल झारखंड बल्कि बिहार और आसपास के राज्यों में नक्सलवादी गतिविधियों का संचालन करता रहा है।
NIA की तरफ से बताया गया है कि अभिजीत कोड़ा की भूमिका इस हमले में “साजिश रचने और इसकी योजना बनाने” में प्रमुख थी। इसके अलावा कई अन्य स्थानीय नक्सली कमांडर और सक्रिय सदस्य भी चार्जशीट में शामिल हैं, जिन पर IPC की धाराओं, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और UAPA के तहत आरोप लगाए गए हैं।
NIA ने इस हमले की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं, जिनमें मोबाइल फोन, मैसेजेस, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और हथियार बरामद हुए हैं। जांच एजेंसी ने गुप्त सूचना के आधार पर नक्सलियों के ठिकानों और छुपे हुए शिविरों की पहचान की।
जांच में यह भी सामने आया है कि नक्सलियों ने स्थानीय लोगों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की मदद से सुरक्षा बलों की मूवमेंट की जानकारी जुटाई और हमले की योजना बनाई। इससे पहले की जांच में कई अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की जा चुकी है, लेकिन आज की चार्जशीट के बाद मामले में नए सिरे से तीव्रता आ गई है।
सुरक्षा बलों ने इस हमले के बाद झारखंड और आसपास के नक्सली इलाकों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाए हैं। उन्होंने कई नक्सली ठिकानों को ध्वस्त किया और ऑपरेशन तेज किया।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने मिलकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके। विशेष रूप से नक्सल प्रभावित इलाकों में इंटरनेट बंदी, कर्फ्यू और कड़ी गश्त लागू की गई हैं।
नक्सलवाद की समस्या झारखंड और पूर्वी भारत के कई इलाकों में जटिल होती जा रही है। इस हमले और बाद की कार्रवाई ने यह दिखा दिया है कि नक्सलवादी अब और संगठित और जटिल स्तर पर अपनी साजिशें रच रहे हैं।
साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास, रोजगार, शिक्षा और सामाजिक समरसता को लेकर भी नई बहस छिड़ गई है कि कैसे इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
अब यह मामला झारखंड की विशेष NIA अदालत में न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेगा। आरोपियों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा और अदालत सबूतों के आधार पर फैसला करेगी।
इस बीच, जांच एजेंसी और सुरक्षा बल सतर्क हैं और किसी भी संभावित आपदा को रोकने के लिए तैयार हैं।
झारखंड में 2024 के नक्सल हमले के मामले में NIA द्वारा दायर की गई यह चार्जशीट सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें प्रमुख नक्सली नेताओं के नाम आने से उम्मीद जताई जा रही है कि इस नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी।
इस घटना ने फिर से नक्सलवाद की जटिलता और भारत के आंतरिक सुरक्षा खतरे पर प्रकाश डाला है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक और समन्वित प्रयास जारी रखने होंगे।