




एशिया कप 2025 के रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए मैच का फैसला सुपर ओवर में हुआ। हालांकि मुकाबले के अंत में क्रिकेट मैदान पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका को स्पष्ट रूप से रन आउट होने के बावजूद “नॉट आउट” करार दिया गया।
इस फैसले से भारतीय खिलाड़ियों, खासकर सूर्यकुमार यादव और कप्तान रोहित शर्मा ने कड़ा विरोध जताया और अंपायर ग़ाज़ी सोहेल से लंबी बहस की। हालांकि बाद में अंपायर ने MCC (Marylebone Cricket Club) के नियमों के हवाले से निर्णय को सही ठहराया।
भारत और श्रीलंका दोनों ही 20 ओवरों में बराबरी पर रहे, जिसके चलते मुकाबला सुपर ओवर में गया।
सुपर ओवर के दौरान:
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शनाका एक रन चुराने के प्रयास में रन आउट होते दिखे।
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भारतीय फील्डरों ने स्टंप्स गिराई और रिप्ले में साफ दिखा कि शनाका क्रीज़ से बाहर थे।
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लेकिन अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया।
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यह फैसला मैदान पर मौजूद दर्शकों और टीवी पर देख रहे करोड़ों फैंस के लिए चौंकाने वाला था।
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भारतीय खेमे में काफी नाराजगी दिखी।
1. सुपर ओवर की विशेष स्थिति:
MCC के अनुसार, सुपर ओवर एक अलग पारी नहीं होती, बल्कि एक टाई सिचुएशन को निपटाने का तरीका है।
हर टीम को सिर्फ दो विकेट तक खेलने की अनुमति होती है। यानी तीसरा बल्लेबाज़ मैदान पर आए ही नहीं सकता।
2. यदि बल्लेबाज़ पहले आउट हो चुका हो:
कोई खिलाड़ी जो पहले ही सुपर ओवर में आउट हो चुका हो, वह फिर से बल्लेबाज़ी नहीं कर सकता। अगर गलती से वह फिर क्रीज़ पर आ भी गया और रन आउट हुआ, तो उसे ‘आउट’ मान्यता नहीं मिलती।
3. Dead Ball नियम:
अगर अंपायर किसी गेंद को ‘डेड बॉल’ घोषित कर देता है, तो उस गेंद पर हुआ कोई आउट या रन अमान्य होता है।
सुपर ओवर में यदि गेंद फील्डिंग टीम के कंट्रोल में आ जाए और दोनों बल्लेबाज़ों ने रन लेने की कोशिश ना की हो, तो खेल खत्म मान लिया जाता है।
4. Umpire का विवेकाधिकार:
MCC नियमों के तहत अंपायरों को यह अधिकार होता है कि वे परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लें कि खेल जारी था या नहीं।
भारतीय खिलाड़ियों के विरोध के बाद अंपायर गाजी सोहेल ने दोनों टीमों को बुलाकर MCC के नियम समझाए और कहा:
“चूंकि शनाका पहले ही आउट हो चुके थे, और यह सुपर ओवर का अंतिम रन था, इसलिए दोबारा आउट नहीं दिया जा सकता था। साथ ही गेंद ‘डेड’ हो चुकी थी।”
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सूर्यकुमार यादव ने नाराजगी जाहिर की और अंपायर से बहस की।
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कोच राहुल द्रविड़ ने भी इस निर्णय को “गंभीर गलतफहमी” बताया लेकिन नियमों की स्पष्टता स्वीकार की।
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सोशल मीडिया पर फैंस ने अंपायरिंग की आलोचना की, वहीं कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों ने कहा कि MCC नियम सही ढंग से लागू किए गए।
पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने कहा:
“यह फैसला तकनीकी रूप से सही है। सुपर ओवर में यदि बल्लेबाज़ पहले आउट हो चुका है तो उसे दोबारा आउट नहीं किया जा सकता।”
पूर्व भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह ने ट्वीट कर कहा:
“फैसला अजीब था, लेकिन नियमों के अनुसार सही। MCC नियम अब सबको पढ़ने चाहिए!”
यह विवादित निर्णय भले ही पहली नजर में गलत लग रहा हो, लेकिन जब MCC के सुपर ओवर नियमों को ध्यान से देखा जाए, तो यह पूरी तरह से नियमों के अनुरूप था। भारत के लिए यह क्षण भावनात्मक और निर्णायक था, लेकिन क्रिकेट की तकनीकी बारीकियाँ कभी-कभी ऐसे ही फैसले सामने लाती हैं।
क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए यह मौका है कि वे केवल खेल का रोमांच नहीं, बल्कि उसके नियमों की गहराई को भी समझें।