




उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद भड़की हिंसा के मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मौलाना तौकीर रजा खां समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने अलग-अलग थानों में दस प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं और फिलहाल 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
यह कार्रवाई शनिवार को उस समय की गई जब शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद सैकड़ों लोगों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया था, जो देखते-देखते हिंसक हो गया।
शुक्रवार को बरेली के कुछ इलाकों में नमाज़ के बाद कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ स्थानों पर पथराव, नारेबाजी और सड़क जाम जैसी घटनाएं सामने आईं।
प्रशासन को हालात नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा और जगह-जगह धारा 144 लागू कर दी गई।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी कि:
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अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से मौलाना तौकीर रजा खां शामिल हैं।
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मौलाना पर बलवा भड़काने, अवैध जमावड़ा करने, और धारा 153A (सांप्रदायिक विद्वेष फैलाना) समेत कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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विभिन्न थानों में कुल 10 FIR दर्ज की गई हैं, और अन्य संदिग्धों की CCTV फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर पहचान की जा रही है।
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गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, और कुछ और नामों की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है।
बरेली में बढ़ते तनाव और सोशल मीडिया पर अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन ने शनिवार सुबह से 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया है। यह आदेश जिले के सभी मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं को जारी किया गया है।
प्रभावित सेवाएं:
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व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
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मोबाइल इंटरनेट डेटा
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UPI और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन
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ऑनलाइन पढ़ाई और वर्चुअल क्लासेस
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
जिलाधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“हम किसी भी हाल में कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने देंगे। जो लोग दंगे या उपद्रव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ पुख्ता सबूत के आधार पर गिरफ्तारी की गई है और कोर्ट में सबमिशन के लिए दस्तावेज़ तैयार किए जा रहे हैं।
मौलाना तौकीर रजा, जो पहले भी कई बार विवादास्पद बयानों और धार्मिक उकसावे को लेकर चर्चा में रहे हैं, के समर्थकों ने गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। हालाँकि प्रशासन का कहना है कि मौलाना की भूमिका स्थानीय इंटेलिजेंस रिपोर्ट, वीडियो फुटेज और भीड़ को भड़काने वाले भाषणों से साफ़ ज़ाहिर होती है।
बरेली के संवेदनशील इलाकों में पुलिस और PAC (Provincial Armed Constabulary) की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं। ड्रोन कैमरों, CCTV सर्विलांस और फ्लैग मार्च के ज़रिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।
यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो कर्फ्यू या अतिरिक्त प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
बरेली में शुक्रवार को हुई हिंसा ने यह साफ कर दिया है कि धार्मिक और सांप्रदायिक मामलों को लेकर माहौल कितना संवेदनशील बना हुआ है।
प्रशासन की कार्रवाई से एक तरफ़ जहाँ कानून व्यवस्था पर नियंत्रण दिख रहा है, वहीं मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी ने राजनीति और समाज में नई बहस को जन्म दिया है।
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इंटरनेट सेवा कब तक बहाल करता है और आगे इस मामले में कितनी पारदर्शिता के साथ न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ती है।