




तीन दिन लगातार लागू रहने के बाद, आज लेह शहर में कर्फ्यू में चार घंटे की राहत दी गई है। यह राहत प्रशासन ने आज दोपहर से शाम तक लागू की है ताकि सामान्य नागरिकों को जरूरी सामान, दवाइयाँ और जरूरी गतिविधियों की व्यवस्था करने का समय मिले। इस बीच, जोधपुर जेल में बंद सोनम वांगचुक की NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत गिरफ्तारी और उनके पाकिस्तान कनेक्शन की जांच ने विवाद को और ज्वलंत बना दिया है।
पिछले तीन दिनों से लेह शहर कर्फ्यू की कठोर बंदिशों में रहा है, जब प्रदर्शन और तनावने हिंसक मोड़ ले लिया था। सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच झड़पों के कारण प्रशासन ने सख्ती बरती थी। आज की राहत यह संकेत है कि फिलहाल स्थिति कुछ नियंत्रण में मानी जा रही है।
राहत लगने के बाद लोग बाजारों में व्यस्त नहीं हैं, लेकिन जरूरी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में दिखे। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति पत्थरबाजी, नारेबाजी या उपद्रव में शामिल पाया गया, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
सोनम वांगचुक, जोधपुर जेल में बंद, को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्हें आरोप है कि उन्होंने हिंसा उकसाने, साम्प्रदायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, और विदेशियों से संपर्क करने जैसी गतिविधियों में भाग लिया है।
अब उनकी पाकिस्तान से जुड़े लिंक की जांच तेज कर दी गई है। जांच एजेंसियों को सूचना मिली है कि wकई विदेश संपर्कों, यात्रा दस्तावेजों और संवादों के आधार पर वे पाकिस्तान से जुड़े संदेह में हैं। यदि यह साबित होता है तो मामला राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के दायरे से भी बाहर जा सकता है।
प्रशासन ने कहा है कि वांगचुक द्वारा किये गए कथित अभियोगों को खुली जांच के दायरे में रखा गया है। रिमांड अवधि को बढ़ाने और अतिरिक्त साक्ष्यों को जुटाने की प्रक्रिया जारी है।
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चार घंटे की कर्फ्यू ढील प्रशासन की नरमी संकेत हो सकती है, लेकिन यह पूर्ण रूप से शांति लौटने का संकेत नहीं है।
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भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा बलों की तैनाती और निगरानी अब भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम हैं।
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सोनम वांगचुक का मामला पूरे स्थिति को राजनीतिक और सुरक्षा आयाम दे रहा है। यदि पाकिस्तान कनेक्शन सिरे से सिद्ध हुआ, तो यह लद्दाख प्रशासन और केंद्र सरकार दोनों के लिए एक बड़ा धमाका होगा।
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दोषियों को सजा और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा, दोनों ही प्रक्रिया आगे की दिशा तय करेंगे।
लेह में चार घंटे की राहत शायद एक संकेत है कि प्रशासन स्थिति को धीरे-धीरे नियंत्रण में ला रहा है। लेकिन सोनम वांगचुक के मामले और पाकिस्तान कनेक्शन की जांच इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर पर ले गई है।