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    भारत का ‘अमीरों का स्कूल’: 10 लाख फीस वाले स्कूल में स्टूडेंट आया 300 नौकरों के साथ पालकी में

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    भारत में कुछ स्कूल ऐसे हैं जो केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि लक्ज़री, शाही अनुभव और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं। इन्हें अक्सर ‘ईटन ऑफ द ईस्ट’ के नाम से जाना जाता है। यह नाम ब्रिटेन के प्रसिद्ध ईटन स्कूल के समानता के कारण पड़ा है, जहां अमीर और प्रभावशाली परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं।

    इस स्कूल की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को शाही जीवन शैली का अनुभव भी मिलता है। हाल ही में इस स्कूल में एक स्टूडेंट पालकी में 300 नौकरों के साथ स्कूल आया, जिसे देखकर बाकी स्टूडेंट्स और अभिभावक चौंक गए।

    एडमिशन और फीस

    इस स्कूल में 7वीं, 9वीं और 11वीं कक्षा में एडमिशन मिलता है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सालाना फीस 10,53,000 रुपये है।

    फीस में न केवल पढ़ाई बल्कि लक्ज़री सुविधाएं, निजी स्टाफ और खेलकूद के लिए भव्य उपकरण भी शामिल हैं। स्कूल का उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं, बल्कि बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाओं और शाही जीवन शैली के अनुभव से परिचित कराना भी है।

    स्कूल की विशेषताएं

    1. अत्याधुनिक सुविधाएं
      स्कूल में आधुनिक क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, अत्याधुनिक लैब्स और विशाल लाइब्रेरी हैं। प्रत्येक स्टूडेंट को निजी रूम और स्टडी स्पेस उपलब्ध है।

    2. व्यक्तिगत स्टाफ और नौकर
      यहां हर स्टूडेंट के लिए लगभग 300 नौकर और स्टाफ मौजूद हैं। इसमें निजी शेफ, ड्राइवर, गार्ड और सहायक शामिल हैं।

    3. खेल और मनोरंजन
      स्कूल में स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स, टेनिस कोर्ट, हॉर्स राइडिंग जैसी सुविधाएं हैं। बच्चे पढ़ाई के साथ खेल और अन्य हॉबी गतिविधियों में पूरी आज़ादी पाते हैं।

    4. अंतरराष्ट्रीय शिक्षा
      स्कूल में न केवल भारतीय बोर्ड बल्कि IB और IGCSE जैसी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली भी उपलब्ध है। विदेशी शिक्षक और विशेषज्ञ बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करते हैं।

    5. सोशल नेटवर्किंग और रॉयल्टी अनुभव
      स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता अमीर और प्रभावशाली होते हैं। बच्चे छोटे उम्र में सोशल नेटवर्किंग, शाही व्यवहार और उच्च सामाजिक स्तर का अनुभव सीखते हैं।

    स्टूडेंट का अनुभव

    इस स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि यहां शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है। वे लक्ज़री जीवन शैली, आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल भी सीखते हैं।

    एक स्टूडेंट ने कहा:
    “यह स्कूल हमें दुनिया की सबसे बेहतरीन चीज़ों का अनुभव देता है। हमें न केवल पढ़ाई बल्कि जीवन शैली में भी प्रशिक्षित किया जाता है।”

    स्कूल का सामाजिक और शैक्षिक महत्व

    • लक्ज़री और शिक्षा का संगम: बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ जीवन शैली और अनुभव भी सिखाया जाता है।

    • व्यक्तिगत ध्यान: प्रत्येक स्टूडेंट के लिए निजी स्टाफ और सहायक मौजूद हैं।

    • अंतरराष्ट्रीय Exposure: विदेशी शिक्षकों और कोर्स के जरिए बच्चों को ग्लोबल शिक्षा का अनुभव मिलता है।

    स्कूल की ऐतिहासिक झलक

    इस स्कूल की स्थापना उच्च वर्ग के बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की गई थी। शुरुआती दिनों में केवल राजघरानों और अमीर परिवारों के बच्चे यहां पढ़ते थे। स्कूल का उद्देश्य केवल शिक्षा नहीं, बल्कि बच्चों को सामाजिक प्रतिष्ठा, नेटवर्किंग और शाही अनुभव प्रदान करना भी है।

    भारत का यह ‘अमीरों का स्कूल’ शिक्षा का केंद्र होने के साथ-साथ लक्ज़री, रॉयल्टी और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक भी है।

    यह दिखाता है कि शिक्षा के साथ अब जीवन के अनुभव, नेटवर्किंग और नेतृत्व कौशल भी सीखने का हिस्सा बन गए हैं। अमीर परिवारों के लिए यह केवल स्कूल नहीं, बल्कि भविष्य की तैयारी और सामाजिक प्रतिष्ठा का केंद्र है।

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