




कोटा (सोनभद्र)। विकासखंड चोपन के अंतर्गत कोटा ग्राम पंचायत के कोटा खास में रविवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती बड़े ही हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाई गई। यह अवसर केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उस महान क्रांतिकारी को याद करने का था जिसने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। कार्यक्रम का आयोजन दीपू विजय शर्मा ने किया जबकि संचालन की जिम्मेदारी आतिश चंद्रवंशी ने निभाई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संजय कुमार अकेला मौजूद रहे, जिन्होंने आयोजन समिति के साथ मिलकर भगत सिंह के योगदान को स्मरण किया और युवाओं को उनके पदचिह्नों पर चलने के लिए प्रेरित किया।
भगत सिंह: युवाओं के लिए सच्चे प्रेरणा स्रोत
मुख्य अतिथि संजय कुमार अकेला और आयोजक दीपू विजय शर्मा ने अपने संयुक्त संबोधन में कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह हमेशा से युवाओं के आदर्श और प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत भूमि हमेशा उस मां की ऋणी रहेगी, जिसने ऐसे वीर पुत्र को जन्म दिया, जिसने मात्र 23 वर्ष की आयु में आजादी की राह में अपने प्राणों की आहुति दी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भगत सिंह केवल स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे, जिनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे।
सपनों का भारत: सामाजिक बुराइयों से मुक्ति का संदेश
इस मौके पर अंकित राव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगत सिंह का सपना सिर्फ अंग्रेजों से आजादी तक सीमित नहीं था। वे ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते थे जहां सामाजिक बुराइयों, पाखंड और ऊंच-नीच के भेदभाव की कोई जगह न हो।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे जातिगत भेदभाव, छुआछूत और अन्य कुरीतियों को समाप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि शहीद भगत सिंह का सपना साकार हो सके।
युवाओं के लिए आह्वान: देश निर्माण की जिम्मेदारी
क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि आतिश चंद्रवंशी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत को भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे केवल व्यक्तिगत सफलता तक सीमित न रहें, बल्कि सामाजिक और वैश्विक स्तर पर देश को मजबूत बनाने में अपना योगदान दें।
उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा शक्ति ही वह आधार है जिस पर एक नए भारत की नींव रखी जा सकती है।
सामाजिक एकता और उत्साह का माहौल
कार्यक्रम में ग्रामीणों और युवाओं की भारी उपस्थिति ने इसे विशेष बना दिया। उपस्थित लोगों में अजीत कुमार, पारस कुमार, अजय कुमार, रितेश शर्मा, कुंदन शर्मा, शिव शर्मा, अमित राय, अमन कनौजिया, दिनेश गौड़, कामेश्वर प्रसाद प्रजापति, विश्वा शर्मा, रवि शर्मा, कन्हैया कनौजिया, प्रभाकर पनिका, आशीष साहनी, अशोक राव, रामु राव और राजन राव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि भगत सिंह केवल इतिहास के पन्नों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे आज भी युवाओं के दिलों में जीवित हैं।
शहीद-ए-आजम की जयंती से मिला संदेश
इस कार्यक्रम का मुख्य संदेश यही रहा कि हमें केवल भगत सिंह की जयंती मनाकर नहीं, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में उतारकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए। आज के दौर में जब देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब भगत सिंह के आदर्श हमें एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
कोटा में आयोजित यह कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि सभा नहीं, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक मंच साबित हुआ। यहां उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के विचारों को आत्मसात करेंगे और उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज और देश को प्रगति की ओर ले जाएंगे।