




स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती पर कई छात्राओं के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। दिल्ली पुलिस ने उसे रविवार सुबह आगरा के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद चैतन्यानंद को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस घटना के बाद धार्मिक ढोंग और आस्था की आड़ में छिपे काले कारनामों पर एक बार फिर बहस तेज हो गई है।
गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम
पुलिस सूत्रों के अनुसार, चैतन्यानंद बीते कई दिनों से पुलिस की पकड़ से बचने के लिए जगह-जगह ठिकाना बदल रहा था। आखिरकार रविवार की सुबह पुलिस ने आगरा स्थित एक होटल से उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के दौरान वह बेहद घबराया हुआ था और पुलिस से बचने के लिए पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा था।
गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा कारणों से उसे सीधे दिल्ली लाया गया और अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने पुलिस की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को 5 दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप
पुलिस के अनुसार, चैतन्यानंद के खिलाफ कई छात्राओं ने बयान दिए हैं। आरोप है कि वह लंबे समय से अपनी संस्था से जुड़ी छात्राओं का शोषण करता रहा है। छात्राओं ने कहा कि धर्म और आध्यात्मिक शिक्षा के नाम पर उन्हें गलत परिस्थितियों में फंसाया गया और कई बार मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
पुलिस ने इन बयानों को अपने केस का अहम हिस्सा बनाया है और अब हिरासत के दौरान आरोपी से पूछताछ कर पूरे मामले की गहराई तक जाने की कोशिश करेगी।
धार्मिक गुरुओं की आड़ में अपराध पर सवाल
यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। धर्म और आस्था के नाम पर कई बार ऐसे तथाकथित गुरु अपनी छवि का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों, खासकर महिलाओं और छात्राओं का शोषण करते हैं। चैतन्यानंद का मामला इस बात का ताजा उदाहरण है कि कैसे समाज को अंधविश्वास और पाखंड से सावधान रहना चाहिए।
पुलिस जांच की दिशा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 5 दिन की रिमांड के दौरान आरोपी से कई पहलुओं पर पूछताछ होगी।
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सबसे पहले यह पता लगाया जाएगा कि वह कितने समय से इस कृत्य को अंजाम दे रहा था।
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किन-किन छात्राओं को उसने निशाना बनाया और क्या इसके पीछे कोई और सहयोगी या नेटवर्क काम कर रहा था।
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पुलिस आरोपी के फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और होटल में मिले दस्तावेजों की भी जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस यह भी खंगाल रही है कि आरोपी ने किन-किन जगहों पर आश्रम या संस्थाएं संचालित कीं और वहां कितनी छात्राएं उससे प्रभावित हुईं।
समाज में आक्रोश और प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले ने स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक लोगों को झकझोर कर रख दिया है। छात्र संगठनों और महिला अधिकार समूहों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि धर्म के नाम पर ऐसे अपराध समाज के लिए कलंक हैं और इन्हें सख्ती से रोकना चाहिए।
सोशल मीडिया पर भी चैतन्यानंद को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई लोग कह रहे हैं कि ऐसे मामले आस्था और धर्म की पवित्रता को कलंकित करते हैं।
कानूनी प्रक्रिया और आगे की राह
कानूनी जानकारों का कहना है कि चैतन्यानंद पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं और यदि अदालत में दोष सिद्ध हो जाता है तो उसे लंबी सजा हो सकती है। फिलहाल, पुलिस के पास 5 दिन का समय है जिसमें वह मजबूत सबूत और गवाह जुटाकर केस को मजबूत करेगी।
यह मामला एक बार फिर से इस सवाल को उठाता है कि क्या आस्था की आड़ में पनपते ऐसे ढोंगियों पर सख्त निगरानी रखने का कोई ठोस कानून है या नहीं।