




राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के आगमन से पहले एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम 1 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के आंबेडकर भवन में RSS पर विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे। इस कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी उपस्थित रहेंगे।
यह कार्यक्रम RSS के शताब्दी वर्ष समारोह की पूर्वभूमिका माना जा रहा है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
कार्यक्रम का महत्व और ऐतिहासिक संदर्भ
RSS की स्थापना 1925 में हुई थी और यह संगठन भारतीय समाज में सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शताब्दी वर्ष यानी 100 साल पूरे होने का अवसर RSS के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जारी किए जाने वाले सिक्के और डाक टिकट का महत्व दो दृष्टियों से देखा जा सकता है:
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ऐतिहासिक सम्मान: RSS की 100 वर्षों की यात्रा और योगदान को मान्यता देना।
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सांस्कृतिक और राष्ट्रीय प्रतीक: भारतीय जनता और वैश्विक समुदाय में संघ के योगदान को प्रदर्शित करना।
सिक्का और डाक टिकट का विवरण
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जारी किए जाने वाले सिक्के और डाक टिकट का डिज़ाइन और विवरण संघ की पहचान और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। इस दौरान यह बात ध्यान देने योग्य है कि सिक्का संघ की 100 वर्षीय यात्रा का प्रतीक होगा और इसका संग्रहणीय महत्व है। डाक टिकट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजे जाने वाले पत्रों और पार्सलों पर दिखाई देगा, जिससे RSS के योगदान और पहचान को व्यापक रूप से दर्शाया जा सके।
RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि यह कार्यक्रम शताब्दी वर्ष के उत्सव की शुरुआत का संकेत है और इसके माध्यम से संघ की राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सेवा और सांस्कृतिक योगदान को उजागर किया जाएगा।
1 अक्टूबर कार्यक्रम और मुख्य अतिथि
कार्यक्रम 1 अक्टूबर को दिल्ली के आंबेडकर भवन में आयोजित होगा। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति और मीडिया प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ RSS के प्रमुख नेता और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले मौजूद रहेंगे। इस मौके पर सिक्का और डाक टिकट का अनावरण किया जाएगा। संघ की शताब्दी वर्ष योजना और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी। राष्ट्रीय और सांस्कृतिक महत्व को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का भाषण भी होगा।
2 अक्टूबर से नागपुर में संघ शताब्दी वर्ष समारोह
RSS का शताब्दी वर्ष 2 अक्टूबर से नागपुर में भव्य तरीके से शुरू होगा। यह आयोजन संघ के संस्थापक और भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। यह आयोजन देश भर के स्वयंसेवकों और समाजिक नेताओं के लिए एक प्रेरक मंच साबित होगा। शताब्दी वर्ष में संघ की सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। इस समारोह के माध्यम से संघ की राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक समर्पण को व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस शताब्दी वर्ष समारोह के माध्यम से संघ की राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक योगदान को नई दिशा मिलेगी।
राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व
RSS पर सिक्का और डाक टिकट जारी करना केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि इसके राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व को भी दर्शाता है:
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सांस्कृतिक पहचान: संघ के 100 साल के योगदान और भारतीय समाज में उसकी भूमिका को मान्यता।
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संगठन की ऐतिहासिक यात्रा: शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ की 1925 से अब तक की उपलब्धियों को उजागर करना।
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सामाजिक प्रेरणा: देश के युवाओं और समाज को राष्ट्रीय सेवा और सामाजिक योगदान के लिए प्रेरित करना।
संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियां
शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारियों के तहत नागपुर और अन्य प्रमुख स्थानों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के लिए विशेष प्रशिक्षण और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। सामाजिक सेवा, शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा। राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि समारोह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवपूर्ण बन सके।
RSS के नेताओं का कहना है कि शताब्दी वर्ष केवल संघ का नहीं बल्कि पूरे भारतीय समाज का उत्सव होगा।