




भारत में त्यौहारी सीजन की शुरुआत होते ही सोने-चांदी के बाजार में बड़ी हलचल देखी जा रही है। मंगलवार सुबह बाजार खुलते ही सोने की कीमतों में अचानक ₹1,200 की जबरदस्त उछाल दर्ज की गई। यह बढ़त न केवल निवेशकों को चौंकाने वाली रही, बल्कि इसने पिछले 14 साल का सबसे बेहतर मासिक प्रदर्शन करते हुए नया रेकॉर्ड भी कायम कर दिया।
सुबह-सुबह सोने की कीमतों में धमाकेदार उछाल
कारोबार की शुरुआत में ही सोने की कीमतें तेजी से ऊपर गईं। 24 कैरेट सोने का भाव प्रति 10 ग्राम में करीब ₹1,200 बढ़कर नया शिखर छू गया। इस अप्रत्याशित उछाल ने निवेशकों और आभूषण कारोबारियों दोनों के बीच हलचल मचा दी है।
दशहरे से पहले ही सोने की कीमतों में इस रिकॉर्ड वृद्धि ने यह संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में त्यौहारों और शादियों के सीजन को देखते हुए रेट और अधिक बढ़ सकते हैं।
14 साल का सर्वश्रेष्ठ मासिक प्रदर्शन
सोने की कीमतों का यह उछाल केवल एक दिन का असर नहीं है, बल्कि पिछले एक महीने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे आर्थिक घटनाक्रमों का नतीजा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सोने ने पिछले 14 वर्षों का सबसे अच्छा मासिक प्रदर्शन दर्ज किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में संभावित गवर्नमेंट शटडाउन, महंगाई दर में दबाव और ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने सोने को मजबूती दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
भारत में सोने की कीमतें सीधे-सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। न्यूयॉर्क और लंदन में सोने की कीमतों में तेजी के चलते भारतीय बाजार में भी असर देखने को मिला।
अमेरिका में ब्याज दरों में कमी की संभावना निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित कर रही है। वहीं, डॉलर की कमजोरी और बॉन्ड यील्ड में गिरावट ने भी सोने को नई उड़ान दी है। इसके अलावा, गवर्नमेंट शटडाउन का खतरा बाजार में अस्थिरता पैदा कर रहा है, और निवेशक सुरक्षित पनाहगाह (Safe Haven) के रूप में सोने को चुन रहे हैं।
घरेलू बाजार में स्थिति
भारत में त्यौहारों का सीजन शुरू हो चुका है और ऐसे में सोने की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ रही है। नवरात्रि, दशहरा और फिर दीवाली से पहले भारतीय परिवार बड़े स्तर पर सोना खरीदते हैं। यही वजह है कि कीमतों में आई तेजी का असर सीधे तौर पर खुदरा बाजार में दिखाई दे रहा है।
सोने के रिटेल ज्वैलर्स का कहना है कि बढ़ती कीमतों के बावजूद खरीदारी धीमी नहीं होगी, क्योंकि भारतीय परंपरा में त्योहारों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है।
निवेशकों के लिए सोना बना सुरक्षित विकल्प
आर्थिक अस्थिरता, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव की वजह से निवेशक लगातार सुरक्षित विकल्प की तलाश में रहते हैं। ऐसे में सोना सबसे भरोसेमंद एसेट क्लास बन जाता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौजूदा हालात जारी रहे तो सोने की कीमतें आने वाले समय में और ऊपर जा सकती हैं।
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दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह समय सोने में निवेश करने का उपयुक्त माना जा रहा है।
चांदी के बाजार में भी हलचल
सोने के साथ-साथ चांदी में भी तेजी का रुख देखा गया। चांदी की कीमत प्रति किलोग्राम में ₹1,500 से अधिक उछलकर नए स्तर पर पहुंच गई। इस बढ़त ने संकेत दिया है कि कीमती धातुओं का बाजार पूरी तरह से बुलिश (तेजी वाला) मूड में है।
विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की मौजूदा स्थिति केवल अल्पकालिक नहीं बल्कि मध्यम अवधि तक बनी रह सकती है। यदि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो सोना नए रेकॉर्ड बना सकता है। वहीं, भारत में त्योहार और शादी-ब्याह सीजन सोने की मांग को और बढ़ाएगा। कई विश्लेषकों का अनुमान है कि सोने की कीमत अगले कुछ महीनों में ₹70,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर भी छू सकती है।
उपभोक्ताओं पर असर
जहां निवेशकों के लिए यह बढ़ोतरी अच्छी खबर है, वहीं आम उपभोक्ताओं और दुल्हन पक्ष की तैयारियों में जुटे परिवारों के लिए यह चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। महंगे सोने की वजह से शादी और त्यौहार की शॉपिंग का बजट प्रभावित हो सकता है।
दशहरे से पहले सोने की कीमतों ने इतिहास रच दिया है। मंगलवार को आई ₹1,200 की बढ़त ने इसे 14 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां, अमेरिका की आर्थिक नीतियां और भारत का त्यौहारी सीजन मिलकर सोने की मांग और दाम को और आगे बढ़ा सकते हैं।