




उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने समाज को झकझोर दिया है। यहां पुलिस ने दो बहनों—लक्ष्मी यादव और रोशनी—को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि वे ब्यूटी पार्लर की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने का काम करती थीं। और तो और, लोगों को भ्रमित करने के लिए वे सिर पर रूमाल रखकर बीमारी दूर करने का दावा करती थीं।
कैसे चलता था पूरा खेल?
जांच में सामने आया कि दोनों बहनें अपने पार्लर में आने वाली महिलाओं और युवतियों को बहकाती थीं। वे कहती थीं कि खास “रूमाल” रखने से शरीर की बीमारी और मानसिक तनाव दूर हो जाएगा। इसके बाद वे यह भी कहतीं कि “सच्चे ईश्वर” का मार्ग अपनाने पर जीवन की सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। इसी बहाने वे लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए तैयार करने की कोशिश करती थीं।
नौकरी और पैसों का लालच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धर्म परिवर्तन के लिए केवल झूठे दावे ही नहीं बल्कि नौकरी और पैसों का लालच भी दिया जाता था। गरीब और बेरोजगार लोगों को टारगेट कर उन्हें यह कहा जाता था कि धर्म बदलने पर आर्थिक मदद और नौकरी के अवसर दिए जाएंगे।
ब्यूटी पार्लर बना धर्म परिवर्तन का ठिकाना
गोरखपुर के व्यस्त इलाके में चल रहे ब्यूटी पार्लर में यह खेल लंबे समय से चल रहा था। आसपास के लोग कहते हैं कि यहां अक्सर बाहर से आने वाले अजनबी लोग भी दिखते थे। पार्लर के अंदर धार्मिक किताबें और कुछ संदिग्ध सामग्री भी पुलिस को बरामद हुई है। यह संकेत देता है कि पार्लर केवल मेकअप और ब्यूटी सेवाओं के लिए नहीं, बल्कि धर्म परिवर्तन की गुप्त गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहा था।
शिकायत के बाद खुला राज़
स्थानीय लोगों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की और कई गुप्त जानकारी इकट्ठा की। जब पुलिस को पर्याप्त सबूत मिले, तब कार्रवाई करते हुए लक्ष्मी और रोशनी को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस का बयान
गोरखपुर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि दोनों बहनें सुनियोजित तरीके से भोले-भाले लोगों को बहकाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करती थीं। मामले में धर्म परिवर्तन निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया गया है और विस्तृत जांच जारी है। पुलिस का दावा है कि यह नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है।
धर्म परिवर्तन का नया पैटर्न
यह मामला इसलिए खास है क्योंकि इसमें धर्म परिवर्तन का तरीका बेहद अलग था। आमतौर पर पैसों या नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने की खबरें सामने आती हैं, लेकिन यहां बीमारी ठीक करने का दावा और रूमाल रखने जैसी अंधविश्वासी तरकीब का इस्तेमाल किया गया। यह तरीका सीधे तौर पर कमजोर मानसिकता और अंधविश्वास में फंसे लोगों को निशाना बनाने के लिए अपनाया गया।
स्थानीय समाज में हलचल
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय समाज में गहरी नाराज़गी है। लोगों का कहना है कि ऐसे कृत्य न केवल धर्म के साथ खिलवाड़ हैं बल्कि समाज की एकता और भाईचारे को भी कमजोर करते हैं। कई सामाजिक संगठनों ने पुलिस से मांग की है कि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर कठोर कार्रवाई की जाए।
राजनीतिक हलचल भी तेज
गोरखपुर का यह मामला अब राजनीतिक चर्चा का भी विषय बन गया है। कुछ नेताओं ने इसे धर्मांतरण का संगठित प्रयास करार दिया है और सरकार से कानून को और सख्त करने की मांग की है। वहीं, विपक्ष ने भी पुलिस की जांच पर निगाह रखते हुए कहा कि ऐसे मामलों को जल्द उजागर किया जाना चाहिए ताकि समाज में शांति बनी रहे।
समाज के लिए चेतावनी
इस मामले ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि भोलेपन या लालच में आकर किसी भी व्यक्ति की बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। बीमारी का इलाज अस्पतालों और डॉक्टरों से होता है, न कि किसी “जादुई रूमाल” से। इसी तरह नौकरी और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना गंभीर अपराध है।
गोरखपुर की यह घटना एक चेतावनी की घंटी है। लक्ष्मी यादव और रोशनी का खेल भले ही पुलिस ने पकड़ लिया हो, लेकिन यह बताता है कि समाज में अभी भी अंधविश्वास और लालच के जरिये लोगों को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे में लोगों को जागरूक रहना होगा और कानून व्यवस्था को भी सख्त कार्रवाई करनी होगी।