




उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर लखनऊ की सेंट्रल जेल में सफाईकर्मी द्वारा हमला किए जाने की घटना सामने आई है। हमले में उन्हें सिर पर गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें तुरंत किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के अनुसार, यह घटना रात के समय हुई जब गायत्री प्रजापति जेल में अपने बैरक में थे। सूत्रों के मुताबिक, प्रजापति और सफाईकर्मी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद सफाईकर्मी ने अचानक गायत्री प्रजापति के सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया। हमले के बाद गायत्री प्रजापति को गंभीर चोटें आईं, और उन्हें तुरंत जेल प्रशासन द्वारा अस्पताल भेजा गया।
हमले के बाद गायत्री प्रजापति को केजीएमयू में भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी चोटों को गंभीर बताया है। चिकित्सकों के मुताबिक, सिर पर गहरी चोटें आई हैं, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। उनका इलाज चल रहा है, और उन्हें जल्द ठीक होने की उम्मीद है।
गायत्री प्रजापति की पत्नी और अमेठी से समाजवादी पार्टी की विधायक महाराजी प्रजापति देर रात केजीएमयू अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पति पर जेल में हमले की घटना दुखद है। उन्होंने कहा, “गायत्री जी को बेवजह इस हमले का शिकार किया गया है। हमलावर सफाईकर्मी से उनके कोई निजी विवाद नहीं थे, यह एक साजिश का हिस्सा हो सकता है।”
महाराजी प्रजापति ने इस हमले को राजनीतिक साजिश बताते हुए राज्य सरकार और जेल प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
इस हमले के बाद उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने घटना की गंभीरता को समझते हुए एक उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है। जेल प्रशासन ने आरोपित सफाईकर्मी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि दोषी को कड़ी सजा दी जाएगी।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जेलों की सुरक्षा को और सख्त करने का ऐलान किया है। मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार हर हाल में जेलों के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए हर कदम उठाएगी।”
गायत्री प्रजापति समाजवादी पार्टी के नेता रहे हैं और वे उत्तर प्रदेश सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के पद पर कार्य कर चुके हैं। उन पर बलात्कार और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जिसके कारण उन्हें 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, और वर्तमान में वह लखनऊ की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी और जेल में उनका इलाज लगातार राजनीतिक बहस का विषय रहा है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ लगे आरोप राजनीतिक साजिश हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई से उनके खिलाफ सत्ता की ओर से प्रतिशोध लिया जा रहा है। वहीं, विपक्षी दलों का आरोप है कि उनकी गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ उठाया जा रहा है।
हमले के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह घटना व्यक्तिगत विवाद के कारण हुई हो सकती है। कुछ अन्य रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि यह हमला जेल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा खामियों को उजागर करता है। पुलिस और जेल अधिकारियों का कहना है कि वे घटना की गहन जांच कर रहे हैं और जल्द ही हमलावर के इरादों का पता चल जाएगा।
विपक्षी दलों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे राज्य सरकार की नाकामी करार दिया है। उन्होंने जेलों के भीतर बढ़ते हुए अपराधों और सुरक्षा खामियों को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, सत्ताधारी दल ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वे इस मामले की पूरी जांच करवाएंगे।
गायत्री प्रजापति पर हुए इस हमले ने एक बार फिर से जेलों की सुरक्षा व्यवस्था और राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। इस मामले की जांच से ही यह स्पष्ट होगा कि हमले के पीछे क्या कारण थे और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
अभी तक के मुताबिक, गायत्री प्रजापति की हालत स्थिर है, और उनके परिवार के सदस्य इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। इस घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।