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    भारत के पास पाकिस्तान से 14 गुना अधिक सोना, घरेलू और रिजर्व भंडार में दुनिया को चौंकाया

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    सोने की कीमतों में तेजी का दौर लगातार जारी है। सितंबर महीने में ही सोने की कीमतों में लगभग 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जिससे निवेशकों और घरेलू खरीदारों की दिलचस्पी और बढ़ गई है। इस तेजी के बीच यह सामने आया है कि भारतीय परिवारों और रिजर्व बैंक के पास सोने का भंडार पाकिस्तान की तुलना में 14 गुना अधिक है।

    वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल 25,000 टन सोना घरेलू उपयोग और निवेश के रूप में रखा गया है। इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक के पास 880 टन सोने का भंडार है। इन आंकड़ों को देखते हुए भारत की स्थिति वैश्विक स्तर पर मजबूत दिखाई देती है।

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि घरेलू निवेशकों की पसंद में सोना हमेशा से प्रमुख रहा है। खासकर त्योहारों और शादी के सीजन में सोने की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलती है। निवेशकों ने इस साल भी सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में प्राथमिकता दी।

    पाकिस्तान की स्थिति के मुकाबले भारत की ताकत और अधिक स्पष्ट दिखाई देती है। पाकिस्तान के पास कुल सोने का भंडार भारत के मुकाबले बहुत कम है। इस अंतर ने यह साबित कर दिया है कि भारत वैश्विक स्तर पर सोने के मामले में मजबूत स्थिति में है और निवेश के लिहाज से भी भरोसेमंद माना जाता है।

    सिर्फ घरेलू मांग ही नहीं, बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक का भंडार भी देश की आर्थिक मजबूती का संकेत देता है। RBI के पास 880 टन सोना होने से यह मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुरक्षा कवच प्रदान करता है। केंद्रीय बैंक समय-समय पर सोने की खरीद और बिक्री करता है, जिससे विदेशी मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन पर सकारात्मक असर पड़ता है।

    सोने की कीमतों में सितंबर की 12 प्रतिशत की तेजी का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव हैं। निवेशक सुरक्षित संपत्ति की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सोने की मांग और कीमतों में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आगामी महीनों में यह रुझान जारी रह सकता है।

    वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने यह भी बताया कि भारत के पास सोने का सबसे बड़ा भंडार रखने का अर्थ यह है कि देश न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत निवेश विकल्प प्रस्तुत करता है। सोने का यह भंडार देश की वित्तीय सुरक्षा और निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देता है।

    घरेलू बाजार में सोने की तेजी ने निवेशकों के लिए नई अवसरों के द्वार खोले हैं। छोटे निवेशक भी सोने में निवेश कर सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने की ओर अग्रसर हैं। वहीं, बड़े निवेशक और संस्थागत निवेशक इस तेजी का लाभ उठाकर पोर्टफोलियो को संतुलित कर रहे हैं।

    पाकिस्तान के मुकाबले भारत की यह स्थिति सिर्फ मात्रा में ही नहीं, बल्कि वित्तीय और आर्थिक दृष्टि से भी प्रभावशाली है। यह अंतर यह दिखाता है कि वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति मजबूत है और अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत को सुरक्षित निवेश का विकल्प मानते हैं।

    विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की बढ़ती कीमत और भंडार की स्थिति भारत के लिए रणनीतिक लाभ भी प्रदान करती है। यह न केवल निवेशकों के लिए अवसर पैदा करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करता है।

    इस प्रकार, भारत के पास पाकिस्तान से 14 गुना अधिक सोना होने की स्थिति देश की आर्थिक और निवेश क्षमता को दर्शाती है। घरेलू और रिजर्व भंडार की मजबूती से यह साफ है कि भारत सोने के मामले में वैश्विक स्तर पर प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।

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