




14 अक्टूबर 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। Dalal Street ने दिन की शुरुआत उत्साह के साथ की, लेकिन वैश्विक तनाव और अमेरिकी-चीन व्यापार विवादों ने बाजार की चाल को थाम दिया। शुरुआती घंटों में Sensex और Nifty दोनों में हल्की बढ़त देखने को मिली, मगर निवेशकों की सतर्कता ने जल्द ही रफ्तार कम कर दी।
सुबह के सत्र में Nifty 50 ने 25,277 अंकों के करीब खुलकर करीब 50 अंकों की बढ़त दर्ज की, जबकि BSE Sensex लगभग 77 अंक ऊपर था। लेकिन दिन के मध्य आते-आते मुनाफावसूली हावी हो गई। निवेशकों ने IT और मेटल सेक्टर में कुछ लाभ उठाया, जबकि बैंकिंग और वित्तीय शेयरों पर दबाव दिखा। यह दर्शाता है कि बाजार अभी भी किसी स्पष्ट दिशा की तलाश में है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी। ट्रम्प प्रशासन द्वारा चीन पर नए टैरिफ लगाने की संभावना से बाजार में अनिश्चितता गहराई। हालांकि, बाद में यह संकेत मिलने पर कि ट्रम्प अपने रुख में नरमी दिखा सकते हैं, अमेरिकी बाजारों में कुछ सुधार देखा गया। Dow Jones ने लगभग 600 अंकों की छलांग लगाई, जिसका सकारात्मक असर एशियाई बाजारों सहित भारत पर भी पड़ा।
लेकिन चीन ने भी पलटवार करते हुए कुछ बंदरगाह शुल्कों में बदलाव किए, जिससे यह संकेत मिला कि “टैरिफ वॉर” की स्थिति पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। निवेशकों के लिए यह एक बड़ा संकेत था कि आने वाले हफ्तों में वैश्विक आर्थिक माहौल अभी अस्थिर रहेगा।
Dalal Street पर HCLTech जैसे आईटी दिग्गजों ने अपनी बेहतर तिमाही रिपोर्ट से कुछ राहत दी। कंपनी के शेयरों में 2% से अधिक की बढ़त देखने को मिली। Tech Mahindra और Infosys में भी हल्की मजबूती रही। वहीं, बैंकिंग सेक्टर के स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की गई—SBI, Axis Bank और HDFC Bank में बिकवाली का दबाव देखा गया।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के आईपीओ ने भी दिन की सुर्खियाँ बटोरीं। IPO के लिस्टिंग के बाद शेयर में करीब 50% का प्रीमियम देखने को मिला। इसने बाजार में कुछ उत्साह जरूर पैदा किया, मगर व्यापक संकेतक अभी भी अस्थिर बने हुए हैं।
विदेशी निवेशकों (FIIs) की गतिविधियों ने भी बाजार की दिशा पर असर डाला। अक्टूबर के पहले सप्ताह में जहाँ उन्होंने भारतीय इक्विटी में शुद्ध खरीदारी की थी, वहीं 14 अक्टूबर के सत्र तक वे बिकवाली के मूड में दिखे। डॉलर के मुकाबले रुपया 83.04 के स्तर पर बंद हुआ, जिससे विदेशी निवेश प्रवाह पर असर पड़ा।
रिटेल निवेशक अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की ओर बढ़ रहे हैं। फिनटेक प्लेटफॉर्म्स और म्यूचुअल फंड्स में SIP निवेश लगातार बढ़ रहा है, जो इस बात का संकेत है कि भारतीय निवेशक अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से अधिक लंबी अवधि पर ध्यान दे रहे हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक, Dalal Street पर फिलहाल 25,000 का स्तर Nifty के लिए मजबूत सपोर्ट बना हुआ है। अगर यह स्तर कायम रहता है, तो निकट भविष्य में 25,500 तक की मजबूती देखी जा सकती है। Sensex के लिए 83,000 का स्तर प्रमुख समर्थन बिंदु माना जा रहा है।
हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली दर घोषणा, डॉलर की चाल और कच्चे तेल की कीमतें आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगी। यदि फेड ब्याज दरों में नरमी दिखाता है तो भारतीय इक्विटी को बल मिल सकता है। लेकिन अगर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद बढ़ता है, तो Dalal Street पर दबाव बढ़ सकता है।
दिन के अंत में बाजार में हल्की गिरावट दर्ज की गई। Sensex करीब 80 अंक नीचे बंद हुआ, जबकि Nifty 25,200 के आसपास टिक गया। निवेशक अब Q3 परिणामों और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से आने वाले संकेतों पर नजर बनाए हुए हैं।
संक्षेप में कहा जाए तो Dalal Street पर 14 अक्टूबर 2025 का दिन मिला-जुला रहा — शुरुआत में तेजी, फिर मुनाफावसूली और अंत में वैश्विक तनावों का असर। आने वाले सप्ताह में बाजार की दिशा मुख्य रूप से अमेरिकी-चीन व्यापार वार्ता और फेड नीति पर निर्भर करेगी।
विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशक फिलहाल सतर्कता से कदम बढ़ाएं और केवल मजबूत फंडामेंटल्स वाले शेयरों पर ध्यान दें। Dalal Street पर इस समय “संयम और चयन” ही सफलता की कुंजी है।