




सोने के दामों में लगातार तेजी के कारण भारतीय निवेशकों की आदतों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। इस साल सोने की कीमतों में करीब 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिससे परंपरागत एडवांस डिपॉजिट स्कीम (Advance Deposit Scheme) में जमा राशि में भारी गिरावट आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक कीमत के कारण लोग अब पारंपरिक सोने के गहनों की बजाय डिजिटल गोल्ड और ऑनलाइन निवेश की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं।
एडवांस डिपॉजिट स्कीम, जो सोने में नियमित निवेश और गहनों की खरीद पर आधारित होती है, परंपरागत रूप से भारतीय ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। यह स्कीम लोगों को सोने में नियमित बचत का अवसर देती है और विशेष अवसरों पर गहनों के लिए अग्रिम राशि जमा करने की सुविधा देती है। लेकिन हाल की तेजी ने इस परंपरा को प्रभावित किया है।
विश्लेषकों का कहना है कि सोने की कीमतों में इतनी तेजी ने गहनों की खरीद को महंगा और कम आकर्षक बना दिया है। उच्च कीमत के कारण कई ग्राहक अब छोटे निवेश विकल्पों की तलाश में हैं। डिजिटल गोल्ड ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभरकर लोगों की पसंद बनना शुरू कर दिया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सोना खरीदना, छोटे निवेश की अनुमति देना और तत्काल лик्विडिटी प्रदान करना निवेशकों को पसंद आ रहा है।
गोल्ड मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल गोल्ड की बढ़ती लोकप्रियता सीधे तौर पर एडवांस डिपॉजिट स्कीम पर असर डाल रही है। जहाँ पहले ग्राहक मासिक या वार्षिक आधार पर सोने में निवेश करते थे, अब वे छोटी-छोटी रकम से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सोना खरीद रहे हैं। इससे पारंपरिक स्कीम में जमा राशि घट रही है।
इस तेजी का एक और कारण यह भी है कि सोने की कीमत में अचानक वृद्धि और वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। लोग महंगे सोने के गहनों के बजाय निम्न-मूल्य वाले निवेश विकल्प चुनना अधिक सुरक्षित मान रहे हैं। डिजिटल गोल्ड के माध्यम से वे छोटे-छोटे हिस्सों में सोना खरीद सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे तुरंत बेच भी सकते हैं।
वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि यह बदलाव भारतीय सोने की परंपरा और निवेश की दिशा में एक नया अध्याय खोल रहा है। पारंपरिक स्कीम, जिसमें लंबी अवधि का निवेश और भारी राशि की आवश्यकता होती थी, अब धीरे-धीरे डिजिटल और लचीले विकल्पों से प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने न केवल निवेश की प्रक्रिया सरल की है, बल्कि ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और पारदर्शी भी बनाया है।
सोने के दाम बढ़ने के बावजूद, पारंपरिक गहनों की बिक्री पर इसका बड़ा असर पड़ा है। पिछले कुछ महीनों में ज्वैलर्स ने यह अनुभव किया है कि ग्राहक अब सीधे गहनों की बजाय डिजिटल गोल्ड खरीद रहे हैं। इसके कारण एडवांस डिपॉजिट स्कीम में गिरावट दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सोने की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं, तो एडवांस डिपॉजिट स्कीम में और गिरावट की संभावना है। इसके साथ ही डिजिटल गोल्ड और ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म्स के लिए यह एक सुनहरा अवसर भी बन गया है। ऐसे में निवेशक और कंपनियां नए उत्पाद और सेवाएँ पेश कर रहे हैं, ताकि ग्राहकों को और आकर्षित किया जा सके।
वित्तीय नियामक और बैंकिंग संस्थान भी इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। वे डिजिटल गोल्ड निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ परंपरागत स्कीमों में भी नई सुविधाएं जोड़ने पर विचार कर रहे हैं। इससे निवेशकों को अधिक विकल्प मिलेंगे और बाजार में संतुलन बना रहेगा।
इस स्थिति से यह भी स्पष्ट होता है कि सोने की कीमतें सीधे तौर पर ग्राहक व्यवहार और निवेश विकल्पों को प्रभावित करती हैं। जहां उच्च कीमत गहनों की खरीद को कम करती है, वहीं डिजिटल और लचीले विकल्पों की मांग बढ़ा देती है।
इस साल सोने की कीमत में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि ने निवेशकों के लिए सोने को पारंपरिक रूप से गहनों में खरीदने की तुलना में महंगा और जोखिमपूर्ण बना दिया है। ऐसे में डिजिटल गोल्ड और छोटी-छोटी निवेश योजनाओं की ओर ग्राहक तेजी से रुख कर रहे हैं।
अंततः, सोने की कीमतों में तेजी और डिजिटल गोल्ड की लोकप्रियता ने एडवांस डिपॉजिट स्कीम पर बड़ा असर डाला है। निवेशक अब अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और लचीले विकल्पों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में यह प्रवृत्ति और तेज़ हो सकती है, और डिजिटल गोल्ड निवेश पारंपरिक स्कीमों के मुकाबले और अधिक प्रमुखता हासिल कर सकता है।