




बेंगलुरु, जिसे अक्सर भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है, अब अपने तकनीकी हब होने के साथ-साथ महंगाई के कारण भी चर्चा में है। शहर में जीवन यापन की लागत में हाल ही में हुई तेज़ी ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि विदेशी निवासियों को भी चिंतित कर दिया है। इस महंगाई का सबसे दिलचस्प और विवादास्पद खुलासा किया है बेंगलुरु में रहने वाली एक रूसी महिला ने।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि बेंगलुरु में रोज़मर्रा की ज़िंदगी कितना महंगा हो गया है। उदाहरण के तौर पर, एक नौकरानी का वेतन 45,000 रुपये है, जबकि अच्छे इलाके में एक अपार्टमेंट का किराया 1.25 लाख रुपये प्रति माह पहुँच गया है। उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी लिखा कि यह कीमतें यूरोप के कई बड़े शहरों से भी अधिक हैं।
रूसी महिला ने अपने पोस्ट में बेंगलुरु की महंगाई और जीवन यापन की चुनौतियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि शहर में किराए, घरेलू मदद, परिवहन और रोज़मर्रा की जरूरतें इतनी महंगी हो गई हैं कि लोग अब सामान्य जीवन जीने के लिए भी भारी रकम खर्च कर रहे हैं। उनके अनुसार, अगर किसी परिवार को आरामदायक जीवन बिताना है तो उन्हें हर महीने लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कुछ ने कहा कि यह स्थिति सिर्फ बेंगलुरु में नहीं बल्कि पूरे मेट्रो शहरों में आम हो गई है। वहीं, कुछ ने मज़ाकिया अंदाज में पूछा कि क्या वह “ताज महल में रहती हैं”, क्योंकि इतने उच्च किराए और महंगे खर्च सुनकर सामान्य लोगों के लिए यह अविश्वसनीय लग रहा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि बेंगलुरु में महंगाई की मुख्य वजह तकनीकी कंपनियों का तेज़ विकास, शहर में विदेशी कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि और रियल एस्टेट की ऊँची कीमतें हैं। साथ ही, घरों और अपार्टमेंट की कमी ने किराए को आसमान छूने पर मजबूर कर दिया है। स्थानीय मार्केट में घरेलू सेवाओं और नौकरानी की मांग बढ़ने के कारण उनका वेतन भी बढ़ा है।
रूसी महिला ने यह भी बताया कि जीवन यापन की लागत में सिर्फ किराया और घरेलू मदद शामिल नहीं हैं। खाने-पीने, बच्चों की शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएं और मनोरंजन जैसी सामान्य जरूरतें भी अब महंगी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उन विदेशी नागरिकों के लिए खासकर चुनौतीपूर्ण है जो भारतीय संस्कृति और जीवनशैली के अनुभव के लिए शहर में रहते हैं।
सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के बाद लोगों के बीच बेंगलुरु में जीवन यापन की वास्तविक कीमत को लेकर बहस छिड़ गई। कई लोग कह रहे हैं कि यह महंगाई सिर्फ विदेशी निवासियों के लिए नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी मुश्किलें पैदा कर रही है। वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि शहर में इतनी महंगाई के बावजूद लोग बेंगलुरु में रहना पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ नौकरी और करियर के अवसर अधिक हैं।
रूसी महिला ने अपने अनुभव साझा करते हुए यह भी बताया कि महंगे किराए और जीवन यापन की उच्च लागत ने उन्हें अपनी जीवनशैली में बदलाव करने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें अधिक सावधानी से बजट बनाना पड़ता है और गैर-ज़रूरी खर्चों से बचना पड़ता है। इसके बावजूद उन्होंने बेंगलुरु को छोड़ने का कोई विचार नहीं किया, क्योंकि शहर में करियर और पेशेवर अवसर अद्वितीय हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बेंगलुरु में महंगाई का यह हाल निवेशकों और विदेशी नागरिकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन और नीति निर्धारक को अब आवास और जीवन यापन की लागत को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार करना चाहिए।
इस पोस्ट ने यह भी दिखाया कि सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह वास्तविक जीवन की समस्याओं और अनुभवों को साझा करने का प्लेटफॉर्म भी बन गया है। रूसी महिला की पोस्ट ने न केवल बेंगलुरु की महंगाई पर ध्यान खींचा बल्कि लोगों को अपनी आर्थिक परिस्थितियों पर सोचने के लिए भी मजबूर किया।