




भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को शुरुआती कारोबार में जबरदस्त तेजी दिखाई, जिससे निवेशकों के मन में नई उम्मीदें जगी हैं। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 246.32 अंकों की मजबूती के साथ 82,573.37 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 50 भी 83 अंकों की बढ़त के साथ 25,310.35 पर कारोबार कर रहा था।
यह तेजी मुख्य रूप से आईटी सेक्टर के शेयरों में खरीदारी, भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में सकारात्मक माहौल, और अमेरिकी बाजारों में आई मजबूती से प्रेरित रही।
आज के कारोबार में आईटी कंपनियों के शेयरों ने बाजार को मजबूती प्रदान की। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक, और टेक महिंद्रा जैसे प्रमुख आईटी दिग्गजों के शेयरों में अच्छी खासी खरीदारी देखी गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में तकनीकी सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी से भारतीय आईटी कंपनियों को फायदा होगा, जिससे उनके आय के स्रोत और मुनाफे दोनों में सुधार संभव है।
इसके अलावा, कुछ कंपनियों के तिमाही नतीजों ने भी निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जो बाजार में सकारात्मक माहौल बनाने में सहायक साबित हुए हैं।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में प्रगति की खबरों ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ावा दिया है। हाल ही में दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों की बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति के संकेत मिले हैं।
इस वार्ता के सफल होने से भारत के निर्यातकों को नए अवसर मिलेंगे और विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा। साथ ही, यह व्यापारिक समझौता दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूत बनाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापार वार्ता की सफलता से भारतीय शेयर बाजार में दीर्घकालीन निवेश के लिए बेहतर अवसर पैदा होंगे।
भारतीय बाजारों में आई तेजी में वैश्विक बाजारों की भी अहम भूमिका रही है। सोमवार को अमेरिकी बाजारों में आई मजबूती से भारतीय निवेशकों को भी प्रेरणा मिली।
निफ्टी में शामिल कई तकनीकी कंपनियां अमेरिकी बाजारों के प्रदर्शन पर निर्भर हैं, इसलिए वहां के अच्छे प्रदर्शन का सकारात्मक असर यहां भी देखने को मिला।
अमेरिकी NASDAQ और S&P 500 इंडेक्स में आई बढ़त ने खासतौर पर आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर को मजबूती दी है।
आईटी के अलावा, फार्मास्यूटिकल्स, मेटल, और ऊर्जा सेक्टर में भी सुधार देखने को मिला। इन सेक्टरों के शेयरों में अच्छी खरीदारी ने बाजार को संतुलित रखा।
बैंकिंग सेक्टर में मामूली गिरावट देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर बाजार की स्थिति मजबूत रही। कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता ने ऊर्जा क्षेत्र को सपोर्ट किया।
फार्मा कंपनियों को नई दवाओं की मांग और निर्यात में बढ़ोतरी का भी लाभ मिला।
अर्थशास्त्री और बाजार विश्लेषक डॉ. अमित सिंह ने कहा,
“भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में सकारात्मक प्रगति और वैश्विक बाजारों में सुधार के कारण निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। खासकर आईटी सेक्टर में इस तेजी से संकेत मिलता है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिल रही है।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि निवेशक दीर्घकालीन नजरिए से सोचें और इस समय आईटी, फार्मा और ऊर्जा सेक्टर में निवेश को प्राथमिकता दें।
बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए विशेषज्ञों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे जल्दबाजी में निर्णय न लें।
मौजूदा स्थिति में सतर्कता और सोच-समझकर निवेश करना बेहतर होगा।
आईटी सेक्टर के साथ-साथ फार्मा और ऊर्जा सेक्टर में निवेश को फिलहाल सुरक्षित माना जा रहा है।
दीर्घकालीन निवेश के लिए यह सेक्टर संभावनाएं लेकर आ सकते हैं।
मंगलवार के शुरूआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार ने आईटी सेक्टर की मजबूती, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता की सकारात्मक खबरों, और अमेरिकी बाजार में आई तेजी के कारण मजबूत वापसी की।
यह संकेत करता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार भविष्य के लिए आशाजनक हैं, बशर्ते वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिरता बनी रहे।