




महाराष्ट्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर रूल्स 2025 का मसौदा जारी कर दिया है, जिसमें राज्य में ऐप आधारित कैब सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन पर नई दिशानिर्देशों का प्रावधान किया गया है। इन नियमों के अनुसार, अब 9 साल से अधिक पुरानी कैब्स राज्य में सेवा नहीं दे सकेंगी। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
राज्य सरकार ने कहा है कि यह नियम केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं और उनका उद्देश्य कैब सेवा प्रदाताओं की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित करना है। इसके तहत कंपनियों, ड्राइवरों और यात्रियों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया गया है। आम लोगों, चालकों और कंपनियों से 17 अक्टूबर तक इन नियमों पर सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं।
मोटर व्हीकल एग्रीगेटर रूल्स 2025 के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं: ऐप आधारित कैब कंपनियां केवल नियमों के अनुरूप पंजीकृत वाहन और ड्राइवरों को सेवाएं दे सकेंगी। पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सेवा से बाहर किया जाएगा, और 9 साल से अधिक पुरानी कारों को अब रजिस्टर या ऑन-डिमांड सेवा में नहीं रखा जा सकेगा। इससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों सुनिश्चित होंगी।
सरकार ने कहा है कि इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा, पारदर्शिता और सेवा की गुणवत्ता बढ़ाना है। इसके तहत, कंपनियों को यात्रियों की शिकायतों और ड्राइवरों की पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से प्रबंधित करना होगा। इसके अलावा, वाहनों की नियमित जांच और बीमा सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि राज्य में परिवहन सेवा की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। पुराने और खराब वाहनों को हटाने से दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी और यात्रा अनुभव बेहतर होगा।
महाराष्ट्र सरकार ने इस मसौदे में कंपनियों और ड्राइवरों के लिए भी नई शर्तें रखी हैं। ड्राइवरों को वैध लाइसेंस, फिटनेस प्रमाण पत्र और पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित करना होगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर केवल पंजीकृत वाहन और लाइसेंस प्राप्त ड्राइवर ही सेवा प्रदान करें।
रूल्स 2025 में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कंपनियां यात्रियों के डेटा की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय अपनाएंगी। ऐप आधारित बुकिंग, रियल टाइम ट्रैकिंग और आपातकालीन सेवा सुविधाओं का प्रयोग अनिवार्य होगा। इस दिशा में सरकार ने तकनीकी और डेटा सुरक्षा पर विशेष जोर दिया है।
इस मसौदे के अनुसार, अगर कोई कंपनी या ड्राइवर इन नियमों का पालन नहीं करेगा, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें लाइसेंस रद्द करना, जुर्माना लगाना और प्लेटफॉर्म से प्रतिबंध शामिल हो सकता है। इससे राज्य में नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित होगा और यात्री विश्वास में बढ़ोतरी होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम राज्य के परिवहन क्षेत्र में सुधार और संरचना लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। पुराने वाहनों को हटाने और सुरक्षा मानकों को लागू करने से यात्री अनुभव में सुधार होगा और राज्य की परिवहन प्रणाली और अधिक आधुनिक और विश्वसनीय बनेगी।
सामान्य जनता और कैब कंपनियों को 17 अक्टूबर तक अपने सुझाव और आपत्तियां शासन को भेजने की सुविधा दी गई है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि सभी सुझावों पर विचार किया जाएगा और अंतिम नियमों को संशोधित करके लागू किया जाएगा।
इस प्रकार, मोटर व्हीकल एग्रीगेटर रूल्स 2025 महाराष्ट्र के परिवहन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आएंगे। यह न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि राज्य की ऐप आधारित कैब सेवाओं को व्यवस्थित और पारदर्शी भी बनाएंगे।
आगामी महीनों में यह नियम लागू होने के बाद, बेंगलुरु और मुंबई जैसी बड़ी मेट्रो शहरों की तरह महाराष्ट्र में भी कैब सेवाओं का नया युग शुरू होगा। पुराने वाहनों को हटाने और सुरक्षा मानकों को लागू करने से यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा और परिवहन सेवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।