




नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के दक्षिणी क्षेत्र को अब एक नया नेतृत्व मिला है। तमिलनाडु कैडर के 2003 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी आर. सुधाकर को दक्षिण भारत क्षेत्र का उप-महानिदेशक (Deputy Director General – DDG) नियुक्त किया गया है। यह पदभार उन्हें पूर्ण अतिरिक्त प्रभार के रूप में सौंपा गया है।
फिलहाल आर. सुधाकर एनसीबी के पूर्वोत्तर क्षेत्र (North East Region) के उप-महानिदेशक पद पर तैनात हैं और अब वे दक्षिण भारत की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। दक्षिणी क्षेत्र की यह जिम्मेदारी उन्हें गृह मंत्रालय के आदेश पर दी गई है।
आर. सुधाकर एक अनुभवी और तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने ड्रग्स, संगठित अपराध और आंतरिक सुरक्षा जैसे मामलों में उल्लेखनीय कार्य किया है। एनसीबी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बड़े ड्रग सिंडिकेट्स का भंडाफोड़ किया था।
उनकी नियुक्ति को एनसीबी के भीतर और बाहर एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, विशेषकर तब जब दक्षिण भारत में नशीली दवाओं की तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं।
एनसीबी का दक्षिणी क्षेत्र भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों को कवर करता है। यह क्षेत्र:
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अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गों से जुड़ा हुआ है
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कई मल्टीनेशनल ड्रग सिंडिकेट्स की पहुंच में है
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युवाओं के बीच नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है
इन राज्यों में हाल के वर्षों में ड्रग्स की बढ़ती तस्करी और खपत को देखते हुए, अनुभवी नेतृत्व की आवश्यकता थी, जिसे आर. सुधाकर की नियुक्ति पूरा करती है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया:
“आईपीएस अधिकारी आर. सुधाकर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के दक्षिणी क्षेत्र के उप-महानिदेशक पद का पूर्ण अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।”
यह निर्णय एनसीबी की रणनीतिक संचालन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है, जिससे समन्वय में सुधार और क्षेत्रीय संचालन को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
सुधाकर को ऐसे समय में यह जिम्मेदारी दी गई है जब दक्षिण भारत में नशीली दवाओं का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है। हाल ही में:
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चेन्नई बंदरगाह पर करोड़ों की हेरोइन पकड़ी गई थी
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हैदराबाद और बेंगलुरु में युवाओं में नशे के मामले तेजी से बढ़े हैं
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सिंथेटिक ड्रग्स और डार्क वेब के माध्यम से वितरण की घटनाएँ बढ़ रही हैं
इन परिस्थितियों में सुधाकर की प्राथमिकताएँ होंगी:
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ड्रग सिंडिकेट्स की सूचना तंत्र को तोड़ना
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राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग बढ़ाना
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युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान
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तकनीकी एवं डिजिटल जांच प्रणाली को मजबूत करना
राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक डॉ. विमलनाथ पिल्लई कहते हैं:
“आर. सुधाकर एक सक्षम और परिणाम देने वाले अधिकारी हैं। उनकी नियुक्ति दक्षिण भारत में एनसीबी के अभियानों को नई दिशा दे सकती है।”
वहीं, एक सेवानिवृत्त डीजीपी ने कहा:
“पूर्वोत्तर में सुधाकर ने जो निष्कलंक ट्रैक रिकॉर्ड दिखाया, उससे यह साफ है कि वे दक्षिण भारत में भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित करेंगे।”
📊 एनसीबी की कार्रवाई: पिछले 6 महीनों में
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2000+ किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त
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300+ गिरफ्तारी
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100+ अंतरराज्यीय नेटवर्क ध्वस्त
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50+ शैक्षणिक संस्थानों में ड्रग्स विरोधी कार्यशाला
एनसीबी के दक्षिणी क्षेत्र के उप-महानिदेशक के रूप में आर. सुधाकर की नियुक्ति दक्षिण भारत में ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। उनके नेतृत्व में एनसीबी की सक्रियता और तत्परता में निश्चित रूप से इजाफा होगा।