




टी20 क्रिकेट के अगले बड़े महाकुंभ, आईसीसी टी20 विश्व कप 2026, की सभी 20 टीमों का चयन आखिरकार पूरा हो गया है। रविवार को खेले गए क्वालीफायर मैच में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने जापान को हराकर टूर्नामेंट में जगह बनाने वाली 20वीं और अंतिम टीम बनने का गौरव हासिल किया। इस जीत के साथ यूएई ने अपने दूसरे लगातार टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया, जबकि जापान का सपना अधूरा रह गया।
आईसीसी की पुष्टि के अनुसार, भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से 2026 टी20 विश्व कप की मेजबानी करेंगे। इस बार टूर्नामेंट पहले से कहीं बड़ा और रोमांचक होने वाला है क्योंकि इसमें 20 टीमें हिस्सा लेंगी, जो पांच ग्रुपों में बंटी होंगी। इस टूर्नामेंट के लिए 19 टीमों ने पहले ही अपनी जगह बना ली थी, और अब यूएई ने 20वीं टीम के रूप में एशिया रीजनल क्वालीफायर से टिकट हासिल किया है।
क्वालीफायर मुकाबले में जापान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उनका यह निर्णय यूएई की शानदार गेंदबाजी के आगे गलत साबित हुआ। जापान की पूरी टीम मात्र 105 रन पर सिमट गई। यूएई के तेज गेंदबाज जुहानदीन सिद्धीक और रिजवान खान ने बेहतरीन गेंदबाजी की और जापानी बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने का कोई मौका नहीं दिया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी यूएई टीम ने बेहद संयम और आत्मविश्वास से भरी बल्लेबाजी दिखाई। ओपनर मुहम्मद वसीम और आर्यन लाकड़ा ने पारी की शुरुआत शानदार तरीके से की। वसीम ने 34 गेंदों में 52 रन की तूफानी पारी खेली, जबकि लाकड़ा ने 41 रन बनाकर नाबाद रहे। यूएई ने सिर्फ 12.3 ओवर में लक्ष्य हासिल कर 8 विकेट से बड़ी जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही टीम ने टी20 विश्व कप 2026 के लिए अपनी जगह पक्की कर ली।
मैच के बाद यूएई टीम के कप्तान मुहम्मद वसीम ने कहा, “यह जीत हमारे लिए बहुत बड़ी है। हमने पिछले दो सालों में काफी मेहनत की है, और अब हम विश्व कप के मंच पर फिर से अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार हैं। जापान ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन हमारी तैयारी और अनुभव ने हमें बढ़त दिलाई।”
इस हार के साथ जापान का सपना टूट गया। हालांकि टीम ने इस पूरे टूर्नामेंट में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। जापान की टीम पिछले कुछ वर्षों में एशियाई क्रिकेट में लगातार प्रगति कर रही है, लेकिन अनुभव की कमी ने उन्हें महत्वपूर्ण मैचों में नुकसान पहुंचाया। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि जापान जैसी नई टीमें भविष्य में विश्व मंच पर बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
टी20 विश्व कप 2026 में इस बार कुल 20 टीमें हिस्सा लेंगी, जो पांच ग्रुपों में विभाजित होंगी। हर ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सुपर-12 चरण में प्रवेश करेंगी। यह फॉर्मेट पिछले विश्व कपों से बड़ा और अधिक प्रतिस्पर्धी होगा। टूर्नामेंट का आयोजन भारत और श्रीलंका में किया जाएगा, जहां दोनों देशों के आधुनिक स्टेडियमों और क्रिकेट संस्कृति का शानदार मेल देखने को मिलेगा।
भारत में यह टी20 विश्व कप विशेष महत्व रखेगा क्योंकि घरेलू मैदान पर भारतीय टीम खिताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। वहीं श्रीलंका में भी मैचों के आयोजन से एशियाई क्रिकेट को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
आईसीसी ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि मेजबान देश भारत और श्रीलंका को सीधा एंट्री मिलेगी, जबकि शीर्ष आठ टीमों ने अपने पिछले विश्व कप प्रदर्शन के आधार पर जगह पाई। बाकी 10 टीमों को क्षेत्रीय क्वालीफायर के माध्यम से चुना गया — जिनमें एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका क्षेत्रों से टीमें शामिल थीं।
टी20 विश्व कप 2026 में भाग लेने वाली टीमें इस प्रकार हैं:
भारत, श्रीलंका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, आयरलैंड, स्कॉटलैंड, नामीबिया, नीदरलैंड्स, नेपाल, ओमान, पापुआ न्यू गिनी, कनाडा, युगांडा और अब यूएई।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह टूर्नामेंट बेहद खास होने वाला है क्योंकि पहली बार इतने व्यापक स्तर पर टीमें शामिल होंगी। छोटे क्रिकेट देशों के लिए यह एक सुनहरा अवसर होगा कि वे अपने खेल को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित कर सकें।
यूएई की टीम ने इस क्वालीफिकेशन के साथ एशियाई क्रिकेट में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। हाल के वर्षों में टीम ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया है। यूएई के क्रिकेट बोर्ड ने इस सफलता को “देश के लिए गर्व का क्षण” बताया है।
वहीं, जापान की हार के बावजूद उनके कप्तान लेन होल्म्स ने कहा कि “हमारे लिए यह एक सीखने का अनुभव था। हम इस हार से निराश नहीं हैं, बल्कि इसे एक प्रेरणा के रूप में देख रहे हैं। अगले सत्र में हम और मजबूत होकर लौटेंगे।”
टी20 विश्व कप 2026 के लिए अब तैयारियां तेज हो गई हैं। भारत और श्रीलंका दोनों ही मेजबान देश अपने स्टेडियमों को विश्व स्तर के मुताबिक तैयार कर रहे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह विश्व कप अब तक के सबसे प्रतिस्पर्धी और रोमांचक टूर्नामेंटों में से एक होगा।
यूएई की टीम के लिए यह मौका न केवल क्रिकेट के स्तर पर बल्कि देश की खेल संस्कृति के लिए भी ऐतिहासिक है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि मेहनत और समर्पण हो, तो किसी भी छोटे क्रिकेट देश के लिए विश्व मंच पर जगह बनाना असंभव नहीं है।
इस जीत के साथ यूएई ने न केवल जापान का सपना तोड़ा, बल्कि एशियाई क्रिकेट में एक नई उम्मीद भी जगाई — कि आने वाले वर्षों में क्रिकेट का यह खेल और भी देशों में अपनी जड़ें गहराई तक फैला सकता है।