




अफगानिस्तान क्रिकेट को उस समय गहरा आघात पहुँचा जब पक्तिका प्रांत में हुए एक कथित हवाई हमले में तीन स्थानीय युवा क्रिकेट खिलाड़ियों की जान चली गई। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया और पाकिस्तान एवं श्रीलंका के साथ होने वाली आगामी त्रिकोणीय टी20 श्रृंखला से अपना नाम वापस लेने की घोषणा कर दी।
ACB ने इस हमले को “कायरतापूर्ण” करार देते हुए इसे पूरे अफगान खेल समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है। मृत खिलाड़ियों की पहचान कबीर, सिबघतुल्लाह और हारून के रूप में की गई है, जो उर्गुन जिले के निवासी थे और शराना में एक स्थानीय टूर्नामेंट खेलकर वापस लौट रहे थे।
14 अक्टूबर 2025 को अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित पक्तिका प्रांत में एक क्षेत्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट के बाद जब खिलाड़ी अपने घरों की ओर लौट रहे थे, तब उन पर कथित रूप से पाकिस्तानी सेना द्वारा हवाई हमला किया गया। यह हमला एक घनी आबादी वाले इलाके में हुआ, जिसमें इन तीन खिलाड़ियों समेत कई नागरिकों की मौत हो गई और कुछ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने आधिकारिक बयान में कहा:
“हम अपने बहादुर खिलाड़ियों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। यह हमला मानवता के खिलाफ अपराध है और इसका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए।“
इस हमले के कुछ ही घंटों के भीतर ACB ने अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा और देश की गरिमा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया — उन्होंने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ नवंबर 2025 में होने वाली त्रिकोणीय T20I श्रृंखला से पूर्ण रूप से अलग होने की घोषणा कर दी।
ACB ने इसे राजनीतिक या कूटनीतिक नहीं बल्कि नैतिक और मानवीय निर्णय बताया है। बोर्ड का कहना है कि इस समय जब अफगानिस्तान का खेल जगत शोक में डूबा है, तब किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में भाग लेना अनुचित होगा।
अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान और पूर्व कप्तान मोहम्मद नबी ने सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी निंदा की और शहीद हुए खिलाड़ियों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
राशिद खान ने अपने पोस्ट में लिखा:
“हमारे तीन साथियों की जान एक निंदनीय हमले में चली गई। यह न केवल क्रिकेट के खिलाफ है, बल्कि पूरी इंसानियत के खिलाफ है।“
वहीं, मोहम्मद नबी ने कहा:
“खेल मैदानों पर गोलियों की नहीं, बल्लेबाजों की गूंज होनी चाहिए। पाकिस्तान की यह हरकत निंदनीय और शर्मनाक है।“
यह घटना केवल क्षेत्रीय मामला नहीं रह गई है, बल्कि अब इस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ने लगा है। क्रिकेट प्रेमियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से इस मुद्दे पर कार्रवाई की माँग की है। सोशल मीडिया पर #JusticeForAfghanCricketers जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
अफगानिस्तान सरकार ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की है।
मारे गए तीनों क्रिकेटर अफगानिस्तान के स्थानीय क्रिकेट सर्किट में उभरते सितारे थे। इन्हें भविष्य में राष्ट्रीय टीम के लिए तैयार किया जा रहा था। पक्तिका जैसे संघर्ष-प्रभावित क्षेत्र से निकलकर क्रिकेट में अपना नाम बनाना इन खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
इनकी मौत ने न केवल उनके परिवारों को गमगीन किया है, बल्कि पूरे अफगान युवा वर्ग को झकझोर कर रख दिया है, जो खेल को संघर्ष से निकलने का एक रास्ता मानते हैं।
इस घटना ने अफगानिस्तान में क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल की सुरक्षा और भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। ACB ने कहा है कि भविष्य में वे खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने सभी कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय दौरों की समीक्षा करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस प्रकार के हमले लगातार होते रहे, तो यह न केवल अफगानिस्तान के क्रिकेट ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि युवाओं के मनोबल पर भी बुरा असर डालेगा।
तीन युवा खिलाड़ियों की मौत ने क्रिकेट जगत को गमगीन कर दिया है। एक ओर जहां ACB ने कड़ा और साहसिक फैसला लेते हुए त्रिकोणीय श्रृंखला से हटने का ऐलान किया है, वहीं दूसरी ओर यह घटना खेल और संघर्ष के बीच की रेखा को और धुंधला करती नजर आती है।